रायपुर : कल 27 मई 2022 को सभी सिनेमाघरों रिलीज होने जा रही नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित छत्तीसगढ़ी फिल्म भुलन द मेज़ मनोज वर्मा कृत कहते हैं छत्तीसगढ़ की पहचान यहां के धान, किसान, लोककला, संस्कृति, इंफ्रास्ट्रक्चर और यहां की बोली-भाषा से है. इसके साथ ही फिल्म जगत में नई पहचान के साथ भी छत्तीसगढ़ तेजी से उभर रहा है.
67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में छत्तीसगढ़ की फिल्म ‘भूलन द मेज’ को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया. इसे छत्तीसगढ़ी सिनेमा के जाने-माने डायरेक्टर मनोज वर्मा ने छत्तीसगढ़ी भाषा में बनाई है. यह फिल्म भूलन कांदा उपन्यास पर आधारित है, इसके लेखक संजीव बख्शी हैं l
फिल्म के टाइटल में भूलन शब्द का जिक्र है, इसका मतलब भूलन कांदा से है. यह छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाया जाने वाला एक पौधा है, जिस पर पैर पड़ने से इंसान सब कुछ भूलने लगता है. रास्ता भूल जाता है, वह भटकने लगता है, इस दौरान कोई दूसरा इंसान जब आकर उस इंसान को छूता है तब जाकर फिर से वह होश में आता है
आप सभी कल अपने नजदीकी सिनेमा घर में जाकर सहपरिवार फिल्म का आनंद लें