छत्तीसगढ़ : हसदेव और सिलगेर आंदोलन के साथ 5 जून को एकजुटता जताएगी किसान सभा, रायपुर में सम्मेलन की घोषणा

नई दिल्ली। भूमि अधिकार आंदोलन पहले रायपुर में और उसके बाद दिल्ली में अधिवेशन आयोजित करेगा तथा राष्ट्रीय स्तर पर हसदेव के मुद्दे और सिलगेर सहित ऐसे अन्य आंदोलनों/मामलों को रेखांकित करेगा, जहां विकास परियोजनाओं के नाम पर बलपूर्वक भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है या अवैध रूप से भूमि हड़पी जा रही है।

यह घोषणा अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव और संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजकमंडल के सदस्य, पूर्व सांसद हन्नान मोल्ला ने ‘फ्रेंड्स ऑफ हसदेव अरण्य’ द्वारा 25 मई को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की।

हसदेव में कोयला खनन का विरोध कर रहे स्थानीय समुदायों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला ने कहा कि हो सकता है कि यह लड़ाई आने वाले कई दशकों तक चलें, लेकिन हम इस लड़ाई को हार नहीं सकते, क्योंकि जल, जंगल और भूमि सीमित हैं, उनका दोबारा जन्म नहीं होगा। हम हमारे प्राकृतिक और संवैधानिक अधिकारों, पर्यावरण और अंततः मानवता की रक्षा की लड़ाई लड़ रहे हैं और इन सबकी कॉर्पोरेट विकास के लिए बलि नहीं चढ़ाई जा सकती।छत्तीसगढ़ : हसदेव और सिलगेर आंदोलन के साथ 5 जून को एकजुटता जताएगी किसान सभा, रायपुर में सम्मेलन की घोषणा

आलोक शुक्ला छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन), अपूर्वानंद (प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय), कांची कोहली (पर्यावरण शोधकर्ता), कविता श्रीवास्तव (पीयूसीएल), डॉ जितेंद्र मीणा (सभी जनजातीय समूहों का एक समूह, दिल्ली) और राजेंद्र रवि (एनएपीएम) ने भी प्रेस सम्मेलन को संबोधित किया। इन सभी लोगों ने निम्न मांगों पर बल दिया है :

1. हसदेव अरण्य क्षेत्र में सभी कोयला खनन परियोजनाओं को तत्काल रद्द करना,
2. कोल बियरिंग एरिया एक्ट, 1957 के तहत ग्राम सभाओं से पूर्व सहमति लिए बिना की गई सभी भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही तुरंत वापस लेना,
3. परसा कोयला ब्लॉक के ईसी/एफसी को रद्द करना; “फर्जी ग्राम सभा सहमति” के लिए कंपनी और अधिकारियों के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी और कार्रवाई,
4. भूमि अधिग्रहण और 5वीं अनुसूची के क्षेत्रों में किसी भी खनन या अन्य परियोजनाओं के आबंटन से पहले ग्राम सभाओं से “मुफ्त पूर्व सूचित सहमति” का कार्यान्वयन,
5. घाटबर्रा गांव के सामुदायिक वन अधिकार की बहाली, जिसे
अवैध रूप से रद्द कर दिया गया है; हसदेव अरण्य में सभी
सामुदायिक वन संसाधन अधिकारों और व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रकों की मान्यता,
6. पेसा अधिनियम, 1996 के सभी प्रावधानों का क्रियान्वयन।

प्रदेश में जल, जंगल, जमीन, खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की लूट के खिलाफ हसदेव और सिलगेर में जारी आंदोलन को केंद्र में रखकर छत्तीसगढ़ किसान सभा ने भी 5 जून को पूरे प्रदेश में आदिवासियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने का फैसला किया है।

छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने बताया कि इसी सिलसिले में किसान सभा और आदिवासी एकता महासभा के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी हरिहरपुर और मदनपुर जाकर हसदेव के आंदोलनरत आदिवासियों से मिलकर उनके साथ अपनी एकजुटता का इजहार किया है। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ऋषि गुप्ता, बाल सिंह, सुरेन्द्र लाल सिंह, सी पी शुक्ल, कृष्णकुमार लकड़ा, दिल साय, रोशन नागेश, राम साय पैकरा, अनंत सिन्हा आदि कर रहे थे। किसान सभा नेताओं ने हसदेव के आंदोलनकारियों को आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया।

किसान सभा और आदिवासी एकता महासभा ने आदिवासी क्षेत्रों की लूट के लिए वहां रह रहे आदिवासी समुदायों के दमन-उत्पीड़न और उनके मानवाधिकारों और संवैधानिक अधिकारों के हनन के प्रति चिंतित और संवेदनशील सभी तबकों से इसके खिलाफ आवाज़ बुलंद करने की अपील की है।

More From Author

एकलव्य आवासीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की भती हेतु 6 जून को वॉक इन इंटरव्यू का आयोजन

छत्तीसगढ़ : बीच सड़क पर पलटा चने से भरा ट्रक, देखते ही देखते लोग उड़ा ले गए सभी बोरियां, जाँच में जुटी पुलिस

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.