भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना औद्योगिक विकास की दिशा में छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण उपलब्धि

रायपुर , 02 जून 2022 : भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना मर्यादित कवर्धा न केवल औद्योगिक विकास की दिशा में छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि इस क्षेत्र के कृषकों के आर्थिक उत्थान के लिए भी एक वरदान है। छत्तीसगढ़ की जलवायु विशेषताओं से परिपूर्ण कबीरधाम जिले में भी परंपरागत रूप से धान की खेती की जाती रही है, परन्तु भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना मर्यादित कवर्धा की स्थापना ने फसल चक्र में परिवर्तन हुआ।

शासन की पहल से कृषकों के आर्थिक उन्निति और गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गन्ना का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 355 रूपए प्रति क्विंटल किया गया। जिससे अनियमित एवं निम्न वर्षा के विरूद्ध कृषकों को संबल एवं आर्थिक सुदृढ़ता प्रदान हुई और जिले में गन्ने के उत्पादन का रकबा बढ़ते गया। जिससे किसानों को अधिक लाभ हो रहा है। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना एक ओर जहां किसानों से गन्ना खरीदी कर उन्हें आर्थिक उन्नति की दिशा में महत्वपूर्ण सहयोग कर रहा है, वहीं दूसरी ओर शक्कर बनाने के बाद बचे हुए अवशेष से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।

कबीरधाम जिला में स्थापित भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना देश में शक्कर की आपूर्ति करने के साथ ही विदेशों में भी शक्कर का निर्यात कर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जिसके फलस्वरूप छत्तीसगढ़ को विदेशों में भी पहचान मिली है। कारखाने की स्थापना में पूंजीगत संसाधन उपलब्ध कराने वाले 16 हजार 922 कृषकों के अलावा मण्डी बोर्ड, सहकारी समितियां एवं छत्तीसगढ़ शासन इस कारखाने के सदस्य हैं, जिनके द्वारा 28.13 करोड़ अंशपूजी विनियोजित की गई थी, जो वर्तमान में बढ़कर 35.67 करोड़ रूपए हो चुकी है। जिससे राज्य के घरेलू उत्पाद में वृद्धि सुनिश्चित होने के साथ ही लगभग एक हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध हुआ है। गन्ना बोआई, गन्ना कटाई, गन्ना ढुलाई एवं अन्य कार्य के लिए अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है, कारखाने में उत्पन्न रोजगार के अवसर ने प्रत्यक्ष रूप से रोजगार के लिए शासन पर निर्भरता को कम किया है।

प्रबंध संचालक भूपेन्द्र कुमार ठाकुर ने बताया कि कारखाना स्थापना के प्रारंभिक काल से ही प्रतिवर्ष करोड़ो रूपए के शक्कर, मोलासिस एवं बगास का उत्पादन किया जाता है, जो संस्था के आय के साथ ही राज्य के आय का एक महत्पूर्ण अंश है। भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना मर्यादित कवर्धा एक लाभकारी सहकारी संस्था के रूप में कार्यरत है। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में वर्ष 2018-19 से वर्ष 2021-22 में 45 हजार 200 कृषक लाभान्वित हुए है। पिछले चार वर्षाे में 12 लाख 73 हजार 766.257 टन गन्ना की खरीदी एवं पेराई की गई है, जिससे 324.27 करोड़ रूपए कृषकों को भुगतान किया गया है।

पिछले चार वर्षाे में 13 लाख 33 हजार 504 क्विंटल शक्कर का उत्पादन हुआ है। शासन द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत गन्ना किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। वर्ष 2018-19 से 2020-21 में 62 करोड़ 52 लाख 52 हजार 288 रूपए कृषकों को बोनस राशि प्रदान की गई है। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना द्वारा उत्पादित शक्कर विदेशों में निर्यात होने के फलस्वरूप एक तरफ जहां छत्तीसगढ़ का नाम विदेशों में जाना जाने लगा है वहीं देश के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में भोरमदेव शक्कर कारखाने का महत्वपूर्ण योगदान है।

6 मेगावाट को-जन पावर प्लांट

भोरमदेव शक्कर कारखाना द्वारा कारखाना परिसर में 6 मेगावाट को-जन पॉवर प्लांट संचालित किया जा रहा है। को-जन पावर प्लांट की स्थापना होने से गन्ने के पेराई के बाद बचने वाले अवशेष का उपयोग बिजली उत्पादन में किया जा रहा है। इससे स्वयं के लिए बिजली की आपूर्ति भी की जा रही है।

कई राष्ट्रीय अवार्ड मिले

भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना मर्यादित कवर्धा को रिकार्ड समय में कारखाने की स्थापना करने तथा बेहतर संचालन करने के कारण सहकारिता के सर्वाेच्च अवार्ड ठाकुर प्यारेलाल अवार्ड के साथ ही अन्य 6 राष्ट्रीय पुरस्कार क्रमशः भारत गौरव अवार्ड, राष्ट्रीय रत्न अवार्ड, इंदिरा गांधी सद्भावना अवार्ड, इंटरनेशनल गोल्ड मिलेनियम अवार्ड तथा क्वालिटी अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

ईथेनॉल प्लांट की स्थापना

भोरमदेव शक्कर कारखाना में सह-उत्पाद शीरा पर आधारित ईथेनॉल प्लांट जिसकी क्षमता 80 के. एल.पी.डी. पी.पीपी मोड़ पर निर्माण कार्य प्रगति पर है। ईथेनॉल प्लांट की स्थापना होने से गन्ना के सह उत्पाद शीरा का उपयोग किया जा सकेगा। इसकी स्थापना से रोजगार के क्षेत्र में वृद्धि होगी। यहां अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा।

पी.डी.एस. में शक्कर का विक्रय

भोरमदेव शक्कर कारखाना द्वारा राज्य शासन के निर्णयानुसार लोकहित में राशनकार्डधारी सदस्यों को शक्कर विक्रय के लिए नागरिक आपूर्ति निगम को शक्कर विक्रय किया जा रहा है। गन्ना उत्पादक कृषकों को गन्ना मूल्य के साथ-साथ अतिरिक्त राशि का भुगतान किया जा रहा है। क्षेत्र के हजारों लोगों को रोजगार दिया जा रहा है।

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