बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए परिवार के सदस्यों और मैदानी अमले के लिए गाइडेंस की पहल

रायपुर : छत्तीसगढ़ में बाल्यावस्था में देखभाल और शिक्षा को बढ़ावा देने की पहल की गई है। नई शिक्षा नीति में भी बाल्यावस्था पर विशेष ध्यान देने की सिफ़ारिश की गई है। इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने आज रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में ’परवरिश के चैम्पियन’ और ’नवांकुर’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। बच्चों के समावेशी विकास के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से ’परवरिश के चैम्पियन’ और ’नवांकुर’ कार्यक्रम को तैयार किया है। इसके माध्यम से बचपन के प्रारंभिक वर्षांे को विशेष रूप से भाषा और संज्ञानात्मक विकास को मजबूत बनाने की दिशा में लक्षित किया जाएगा।

’परवरिश के चैम्पियन’ कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चे के पालन-पोषण में माता-पिता की उत्तरदायी भूमिका (रिस्पॉन्सिव पेरेंटिंग) शुरू करना है। इसके माध्यम से परिवार को बच्चों के भावनात्मक और शारीरिक जरूरतों के बारे में जानकारी देतेे हुए, उनके लिए उचित प्रतिक्रिया को बताया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य, पोषण, प्रारंभिक शिक्षा, सुरक्षा और उत्तरदायी देखभाल शामिल है। कार्यक्रम के तहत ’परवरिश के चैम्पियन किट’ प्रदान की जाएगी। इसमें वर्णमाला चार्ट, गतिविधि कैलेंडर, रिस्पॉन्सिव पेरेंटिंग के वीडियो, पोस्टर होंगे, जो पालकों को 6 वर्ष तक के बच्चों से व्यवहार और सरल तरीके से बच्चे के विकास के विभिन्न बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।

’नवांकुर’ कार्यक्रम प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) पर एक ई-लर्निंग पाठ्यक्रम है। इसका उद्देश्य बच्चों की देखभाल और शिक्षा के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों का क्षमता संवर्धन करना है। इस 8 घण्टे के ट्रेनिंग पाठ्यक्रम में 14 माडयूल हैं। हर माडयूल स्वमूल्यांकन पर आधारित है। इसमें विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा, देखभाल और आंगनबाड़ियों में उनके समावेशन पर भी फोकस किया गया है। ट्रेनिंग के बाद भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा।

भेंड़िया ने कहा कि छोटे बच्चे अपने परिवार के सदस्यों के साथ ज्यादा समय बिताते हैं, इसलिए परिवार की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। बच्चों का सही ढंग से देख-रेख और पोषण हो तो बच्चा सशक्त बनेगा। प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) के लिए परिवार आधारित कार्यक्रम ’परवरिश के चैम्पियन’ तथा नवीन तकनीक से मैदानी अमले के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण ’नवांकुर’ के माध्यम से परिवार को बच्चों की आवश्यकताओं और विकास के संबंध में बेहतर तरीके से समझाया जा सकेगा।

यूनिसेफ के स्टेट हेड जॉब जकारिया ने बताया कि बच्चों का सर्वाधिक विकास 2 साल तक की उम्र तक होता है। इस समय बच्चे अधिकांश समय अपने परिवार के बीच बिताते हैं। माता-पिता के साथ-साथ परिवार को सही गाइडेंस देकर बच्चों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास को सही दिशा दी जा सकती है। इसके लिए ’परवरिश के चैम्पियन’ कार्यक्रम तैयार किया गया है। इसमें खेल खेल में बच्चों का विकास कैसे करें यह बताया जाएगा। इसमे 6 वर्ष से कम उम्र के 25 लाख बच्चे शामिल होंगे। इन बच्चों के माध्यम से उनके पालकों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा।

’नवांकुर’ आठ घण्टे का ई-लर्निंग प्रोग्राम है, जिसकेे तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सीडीपीओ को ट्रेनिंग दी जाएगी। अब तक 51 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में से 35 हजार कार्यकर्ता का पाठ्यक्रम के लिए पंजीयन हो चुका है। प्रयास है कि आगामी 6 माह में सभी कार्यकर्ता और बाल विकास परियोजना अधिकारी प्रशिक्षित हो जाएं। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक दिव्या मिश्रा, विभागीय और यूनिसेफ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

More From Author

राजीव युवा मितान क्लब के गठन से गांव के युवा रचनात्मक गतिविधियों की ओर हो रहे प्रेरित

नारायणपुर : रामकृष्ण मिशन में प्रवेश हेतु 30 जून तक आवेदन आमंत्रित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.