लखनऊ : उत्तर प्रदेश में हिंसा के आरोपियों की संपत्तियों पर बुलडोजर से ढहाए जाने के सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से जमीयत-उलमा-ए-हिंद और अन्य की याचिकाओं पर 3 दिन में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. सुनवाई अब अगले हफ्ते होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर चीज़ निष्पक्ष होनी चाहिए, हम उम्मीद करते हैं कि अधिकारी कानून के तहत प्रक्रिया का सख्ती से पालन करेंगे.
SC asks UP govt to file response on pleas by Jamiat-Ulama-I-Hind & others seeking directions to UP authorities to ensure that no further demolitions of properties are carried out in State without following due process; asks UP govt to file affidavit in 3 days. Hearing next week pic.twitter.com/Gz1mCz5E8m
— ANI (@ANI) June 16, 2022
जमीयत उलमा-ए-हिंद की इस याचिका पर सुनवाई जस्टिस ए एस बोपन्ना और विक्रम नाथ की अवकाशकालीन बेंच ने की. जमीयत ने कोर्ट से मांग की थी है कि वह यूपी सरकार को कार्रवाई रोकने का निर्देश दे. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने प्रयागराज में हुई जावेद अहमद की संपत्ति पर कार्रवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट से संगठन ने मांग की है कि कोर्ट यूपी सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दे कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना आगे. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपने आवेदन में कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिनियमित कानून और नगरपालिका कानूनों के उल्लंघन में ध्वस्त किए गए घरों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए निर्देश दे.
जमीयत उलेमा ए हिंद ने अपने याचिका में यह भी कहा है ति पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में तीन जून को कानपुर में लोगों ने प्रदर्शन किया. वहां दो समुदाय के लोगों में झड़प हुई. उसके बाद दोनों समुदाय के लोगों ने पथराव किया, लेकिन उसके बाद प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई की.