रायपुर , 26 जून । ” पिछड़े वर्गों से काफी संख्या में जनप्रतिनिधि देश की संसद व विधानसभाओं में पहुँचे है और यह संभव हो सका है समाज के बीच चले निरंतर भारतव्यापी के सूत्रधार एवं राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, डॉ . अम्बेडकर व डॉ . राममनोहर लोहिया के निकट सहयोगी रहे त्यागमूर्ति आर . एल . ‘ चन्दापुरी के जागरूकता कार्यक्रमों से । किन्तु आज देश व पिछड़ा वर्ग असुरक्षित महसूस कर रहा है । देशोत्थान हेतु देश के पुनःनिर्माण में पिछड़े अति पिछड़े वर्गों के लिये सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक व राजनीतिक का सिद्धांत जो संविधान में समायोजित किये गये थे, उसके क्रियान्वयन हेतु पिछड़े वर्गों के जनप्रतिनिधियों को अपनी खामोशी तोड़नी चाहिये । ” ये बातें आज यहाँ टिकरापारा , रायपुर स्थित दानवीर भामाशाह साहू छात्रावास के प्रांगण में अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ द्वारा संबद्ध ओबीसी संयोजन समिति के तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय ओबीसी प्रशिक्षण सह प्रतिनिधि सम्मेलन में बुद्धिजीवियों ने व्यक्त की । अध्यक्षता संघ के राष्ट्रीय महासचिव सह छत्तीसगढ़ के प्रभारी तथा ओबीसी संयोजन समिति छ.ग. के संस्थापक ने की ।
मुख्य अतिथि संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन्द्र कुमार सिंह चन्द्रापुरी ने अपने संबोधन में कहा कि ” अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ गाँधीयुग से जुड़ा है और आजादी प्राप्ति के साथ भारत की नींव व लोकतंत्र की जड़े मजबूत की है किन्तु राष्ट्रीय दलों की नीति व नीयत जो पिछड़े वर्गों के संवैधानिक हितों की भक्षक की रही है . उन्हें उठने से रोकने के लिये उनमें धर्म – भेद , जाति – भेद , वर्ण – भेद व ऊँच नींच की भावना को फैला कर उनकी एकता को छिन्न – भिन्न कर रहे हैं ” ।
श्री चन्दापुरी ने आगे कहा कि भारतव्यापी पिछड़ा वर्ग आंदोलन की उपलब्धि , भविष्य में देश के पुन निर्माण में संघ की भूमिका को सही ढंग से उठाने व उसके उददेश्यों की पूर्ति हेतु मैं देश के विभिन्न राज्यों में जाकर विभिन्न सामाजिक , बौद्धिक व राजनैतिक संगठनों के संगठनकर्ताओं व कार्यकर्ताओं को एकताबद्ध कर पिछड़े वर्गों के संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागृत करने और उसके शीघ्र क्रियान्वयन करवाने के उद्देश्य से आज यहाँ आप सब के पास पहुॅचा हूँ ।
श्री चन्दापुरी ने बताया कि संघ ने विगत् 14 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से ओबीसी के 27 % अनुपातिक आरक्षण को बढ़ाकर आबादी के अनुसार 52 % आरक्षण देने हेतु संविधान के अनुच्छेद 15 ( 4 ) व 16 ( 4 ) में संशोधन के लिये संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित कराने व कानून बनाने संबंधित 8 सूत्री प्रस्तावों को दिया गया था किन्तु इस दिशा में अभी तक कुछ नहीं किया जाना घोर चिंता का विषय है । एनडीए -1 की केन्द्रीय सरकार के तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 2021 की जनगणना में पिछड़े – अगड़े व सभी धर्मों के जातियों की गणना कराने के आदेश के बाद भी जनगणना का न होना केवल भ्रमात्मक व गलत है बल्कि संवैधानिक मूल्यों का घोर उल्लंघन है ।
श्री चन्दापुरी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बिहार के तर्ज पर पिछड़ी – अति पिछड़ी जातियों के जातिगत जनगणना शीघ्र शुरू करवाने की अपील करते हुए सम्मेलन में पिछड़ों के विकास से संबंधित 14 प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित करवाने के लिये रखा जिसे सम्मेलन में करतलध्वनि से पारित किया । अपने अध्यक्षीय संबोधन में संघ के राष्ट्रीय महासचिव शत्रुधन सिंह साहू ने कहा 14 सूत्रीय पारित प्रस्ताव को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री व विपक्षी दलों के नेताओं…