राहुल गांधी ने मेरे धैर्य की प्रशंसा की तो कोई अनावश्यक परेशान न हो : सचिन पायलट

जयपुर| राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने 2020में ‘सरकार गिराने के षड्यंत्र’ के बारे में मुख्यमयंत्री अशोक गहलोत के हालिया बयान को लेकर उन पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि अगर राहुल गांधी ने उनके धैर्य की प्रशंसा की है तो किसी को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं होना चाहिए।

इसके साथ ही पायलट ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत पितातुल्य हैं और वह उनकी किसी बात को अन्यथा नहीं लेते हैं, भले ही उन्होंने, अतीत में उन्हें ‘‘नकारा, निकम्मा जैसी बातें कही हों।’’

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि शेखावत केन्द्रीय मंत्री बने क्योंकि राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद 2019 के लोकसभा चुनाव में वह जोधपुर से जीत गए। पायलट के अनुसार कांग्रेस पार्टी के सत्ता में होने के बावजूद जोधपुर सीट पर चुनाव हारना एक ‘चूक’ थी।

गौरतलब है कि जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृहनगर है और 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से उनके बेटे वैभव गहलोत ने शेखावत के खिलाफ चुनाव लड़ा और हार गए। पायलट ने टोंक में संवाददाताओं से कहा कि हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने धैर्य की बात करते हुएमेरा (पायलट)नाम लिया था।

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उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के कार्यक्रम में, हमारे पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंच से मेरे धैर्य की प्रशंसा कर दी… अब अगर मेरे धैर्य की राहुल गांधी जैसे नेता प्रशंसा करते हैं या उसको पसंद करते हैं तो मुझको लगता है कि किसी को भी उनके बयान से अनावश्यक रूप से परेशान नहीं होना चाहिए और इसको सही भावना में लेना चाहिए।’’ उन्होंने कहा,‘‘अब अगर मेरे धैर्य की प्रशंसा राहुल गांधी जैसे नेता करते हैं या उसको पसंद करते हैं तो मुझको लगता है कि अब आगे कुछ रहा नहीं बोलने के लिये।’’

मुख्यमंत्री गहलोत के हालिया बयान के बारे में पायलट ने कहा, ‘‘आज से पहले भी मुख्यमंत्री जी ने मेरे बारे में कुछ कह दिया था.. मुझे कुछ नाकारा, निकम्मा ऐसी बहुत सारी बातें बोल दी थीं.. लेकिन अशोक गहलोत जी अनुभवी हैं, बुजुर्ग हैं और पिता तुल्य हैं तो वो कभी कुछ बोल देते हैं तो मैं उसे अन्यथा नहीं लेता।’’

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा था कि ‘‘केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने बयान से साबित कर दिया है कि वे 2020 में उनकी सरकार गिराने (के प्रयास) में मुख्य किरदार थेऔर सचिन पायलट के साथ मिले हुए थे।’’

गहलोत ने कहा, ‘‘अब आप शेखावत जो सचिन पायलट जी का नाम ले रहे हो कि उन्होंने चूक कर दी, तो और साबित हो गया, ठप्पा लगा दिया आपने, खुद ने कि आप उनके साथ मिले हुए थे।’’

इसका समर्थन करते हुए शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल ने रविवार को कोटा में कहा था कि गहलोत ने जो कुछ कहा वह सही था। केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने हाल ही में चौमूं में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 2020 में पायलट से चूक हो गई।

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उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे पायलट मध्य प्रदेश (के विधायकों) जैसा फैसला लेते तो राजस्थान के 13 जिलों के लोग प्यासे नहीं होते।

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी)पर काम चालू हो चुका होता।’’ उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार राज्य के 13 जिलों में पेयजल के लिए महत्वपूर्ण ईआरसीपी को केंद्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग कर रही है।

पिछले भाजपा शासन के दौरान प्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे पायलट ने कहा कि पार्टी ने भाजपा को हर मोर्चे पर चुनौती दी है और कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है। उन्होंने कहा कि पांच साल सत्ता में रहने के बाद 2013 में कांग्रेस चुनाव हार गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘पांच साल में हर चुनाव में चाहे उपचुनाव हो, पंचायती चुनाव हो, नगरपालिका चुनाव हो, लोकसभा का उपचुनाव हो, हर जगह भाजपा को हराया और वसुंधरा की सरकार ने जो कुछ हमारे साथ किया.. उनकी लाठी भी हमने खाई और संघर्ष भी किया है और खूब रगड़ाई करने बाद यह हमारी कांग्रेस की सरकार बनी है।’’

उन्होंने कहा कि उनका सारा ध्यान इस बात पर है कि राज्य में कैसे दोबारा कांग्रेस पार्टी की सरकार बने। उन्होंने कहा कि इसको लेकर वह तथा कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता लगातार बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए लगभग डेढ़ साल हैं और अगर पार्टी तथा सरकार मिलकर काम करेंगे तो मुझे पूरा विश्वास है कि राज्य में फिर से कांग्रेस की सरकार बना पाएंगे।’’

पायलट ने कहा,‘‘मेरा तो एकमात्र लक्ष्य यह है कि कार्यकर्ताओं को सम्मान मिलता रहे। चुनाव में जिन लोगों ने पार्टी के लिये सब कुछ किया उसको हम कैसे भुला सकते हैं?’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि 2023 में राजस्थान के विधानसभा चुनाव में, भाजपा को सत्ता से दूर रखने का काम यदि कोई करेगा तो हम लोग करेंगे और हम लोग मिलकर काम करेंगे तो सरकार हमारी निश्चित रूप से बनेगी।’’ उल्लेखनीय है दिसम्बर 2018 में कांग्रेस पार्टी की जीत के तुरंत बाद से मुख्यमंत्री बनने के लिये अशोक गहलोत और सचिन पायलट आमने सामने थे।

पार्टी ने अशोक गहलोत को तीसरी बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया और पायलट को उपमुख्यमंत्री का पद दिया। जुलाई 2020 में पायलट ने 18 अन्य असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों के साथ गहलोत के खिलाफ बगावती तेवर अपना लिए तो गहलोत सरकार के लिये संकट पैदा हो गया था।

पायलट को उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया था। पार्टी आलाकमान के दखल के बाद महीने भर तक चला राजनीतिक संकट खत्म हुआ था।

केन्द्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर पायलट ने कहा, ‘‘ कुछ दिन पहले भारत सरकार ने जिस योजना की घोषणा की है उसका समूचे भारत वर्ष में विरोध हो रहा है। लोगों में आक्रोश है। हम सरकार को मजबूर करना चाहते हैं कि सरकार इसको वापस ले।’’

महाराष्ट्र में सियासी संकट पर पायलट ने कहा, ‘‘शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा का हमारा गठबंधन आज भी कायम है, और हमारे गठबंधन के साथियों ने कहा है कि हमारी गठबंधन सरकार ने अच्छा काम किया है और अभी हम तीनों पार्टियां साथ हैं। सरकार का पांच साल का कार्यकाल पूरा होगा।

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