नई दिल्ली : देश में आज यानि शुक्रवार 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक की कुल 19 वस्तुओं पर यह प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें थर्माकोल से बनी प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, मिठाई के बक्सों पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारे की छड़ें और आइसक्रीम पर लगने वाली स्टिक, क्रीम, कैंडी स्टिक और 100 माइक्रोन से कम के बैनर शामिल हैं।
अगस्त 2021 में अधिसूचित नियम और 2022 के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध रूप से समाप्त करने के भारत के प्रयासों के तहत 31 दिसंबर, 2022 तक प्लास्टिक कैरी बैग की न्यूनतम मोटाई को मौजूदा 75 माइक्रोन से 120 माइक्रोन में बदल दिया जाएगा। मोटे कैरी बैग सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करने के उद्देश्य से लाए जाएंगे। मंत्रालय ने कहा कि प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे और अधिकारियों की टीम को प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के अवैध उत्पादन, आयात, वितरण, बिक्री रोकने का काम सौंपा जाएगा।
जानिए भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक
सालाना 2.4 लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है
भारत में18 ग्राम प्रति व्यक्ति खपत है
वैश्विक स्तर पर 28 ग्राम प्रति व्यक्ति खपत है
60 हजार करोड़ रुपये का है प्लास्टिक उद्योग
इसके निर्माण में 88 हजार इकाइयां लगी हैं
प्लास्टिक उद्योग से 10 लाख लोग जुड़े हैं
सालाना एक्सपोर्ट 25 हजार करोड़ रुपये
वहीं, व्यापारी संघ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को एक साल टालने की मांग की है। कैट ने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर कहा है कि इस संबंध में एक समिति बनाई जाए जिसमें सरकारी अधिकारी और हितधारकों के प्रतिनिधि होंगे और वे मिलकर सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प ढूंढेंगे।