नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार की शाम करीब 5.30 बजे अमरनाथ की गुफा के पास बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया और इस जलसैलाब में कई लोग बह गए. अबतक इस हादसे में मरनेवालों की संख्या 16 बताई जा रही है और 45 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जबकि 40 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. जलसैलाब मे बहे लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. शुक्रवार की देर रात तक राहत और बचाव कार्य चलता रहा और उसके बाद शनिवार सुबह से फिर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
लोगों ने बतायी आंखों देखी-सैलाब आया और बह गए लोग
बादल फटने के बाद अमरनाथ की पवित्र गुफा से सोनमर्ग के बालटाल आधार शिविर तक पहुंचने में सफल रहे तीर्थयात्रियों ने अपने दर्दनाक अनुभव सुनाए. उत्तर प्रदेश के हरदोई के एक तीर्थयात्री दीपक चौहान ने एएनआई को बताया, “वहां भगदड़ जैसी स्थिति हो गई, लेकिन सेना ने बहुत समर्थन किया.पानी के कारण कई पंडाल बह गए.”
महाराष्ट्र के एक अन्य तीर्थयात्री सुमित ने कहा, “बादल फटने से आई बाढ़ बड़ी संख्या में पत्थर अपने साथ लेकर आई और सब बह गया. उन्होंने बताया कि हम बादल फटने वाली जगह से दो किलोमीटर दूर थे.”
एक अन्य तीर्थयात्री ने कहा, “जब बादल फटा, तो हमें विश्वास नहीं हुआ. थोड़ी देर बाद, हमें केवल पानी और पानी दिखाई दिया. हम सात से आठ लोगों के समूह थे, भोलेनाथ की कृपा से, हम सभी बच गए. हालांकि, हम सभी को एक दु:खद अनुभव हुआ जब हमने लोगों को देखा और बैग पानी के साथ बह गए.”
उन्होंने कहा, “बादल फटने के 10 मिनट के भीतर, आठ लोगों के हताहत होने की सूचना है. पानी में बड़ी संख्या में पत्थर थे. लगभग 15,000 तीर्थयात्री जा रहे थे, भारी बारिश के बावजूद तीर्थयात्री आते रहे.”
आईटीबीपी ने कहा कि इससे पहले शनिवार को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने शनिवार तड़के बचाव अभियान चलाया. जम्मू-कश्मीर के गांदरबल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ ए शाह ने कहा कि इससे पहले शुक्रवार को अमरनाथ के पवित्र मंदिर के पास बादल फटने से 13 लोगों की मौत हो गई थी और 48 अन्य घायल हो गए थे.
अब तक, सभी घायल मरीजों की देखभाल तीनों बेस अस्पतालों में की जा रही है: इन स्टेशनों पर प्रतिनियुक्त स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों द्वारा पवित्र गुफा के रास्ते में ऊपरी पवित्र गुफा, निचली पवित्र गुफा, पंजतरणी के आसपास सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं.