डॉ. कृष्णकात साहू (विभागाध्यक्ष) एवं टीम के द्वारा किया गया यह दुर्लभ एवं सफल ऑपरेशन
105 साल की उम्र के मरीज में हार्ट के उपर स्थित ट्यूमर का छ.ग. में संभवतः प्रथम सफल सर्जरी।
. बच्चों के छाती में होने वाला बहुत ही दुर्लभ ट्यूमर है। यह ट्यूमर सामान्यतः 20-40 साल के व्यक्ति में पाया जाता है।
ऑपरेशन के 5वें दिन बाद इस मरीज को हास्पीटल से आज डिस्चार्ज कर दिया गया। इस ट्यूमर को मेडिकल भाषा में मैचुर मेडिस्टानल टेरेटोमा (Mature Mediastinal Teratoma ) कहा जाता है।
यह ट्यूमर हार्ट एवं फेफड़े की मुख्य नसों को अपनी चपेट में ले रखा था, जिसके कारण ऑपरेशन बहुत ही रिस्की था।
इस ट्यूमर का आकार हार्ट के जैसा था एव साईज भी हार्ट के बराबर ही था। वजन लगभग 130. ग्राम का था। • मरीज के माता-पिता ने इस शासकीय संस्थान के प्रति आभार जताया एवं कहा कि यह अस्पताल
देख-रेख एवं सुविधा के मामलों में अन्य अस्पतालों से बेहतर है।
पं. जवाहार लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अंतर्गत स्थित डॉ भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के हार्ट, चेस्ट एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग के डॉ. कृष्णकांत साहू के नेतृत्व में 05 वर्षीय बच्ची के हृदय के ऊपर स्थित दुर्लभ ट्यूमर का सफल ऑपरेशन करके एक और कारनामा कर दिखाया। यह बच्ची ऑपरेशन के बाद स्वस्थ्य है और 05 दिनों बाद इस विभाग से छुटी दे दी गई है।
डॉ. कृष्णकांत साहू के अनुसार अधिकापुर की रहने वाली यह 05 साल की बच्ची जिसका नाम तायबा खातून है, जिसको 05 महीने से खाँसी एवं छाती में दर्द की शिकायत थी। खांसी ठीक न होने पर रायपुर के निजी अस्पताल से सी.टी. स्केन एवं अन्य जांच कराने पर पता चला कि मरीज के हार्ट के ऊपर एक ट्यूमर है जो हार्ट एवं फेफड़े की नसों को दबा रहा है। वहाँ के डाक्टर ने मरीज को एसीआई के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में रिफर कर दिया। डॉ. कृष्णकांत साहू के द्वारा मरीज के माता पिता को समझाने के दौरान ट्यूमर का नाम सुनते ही मरीज के माता-पिता के होश उड़ गये। क्योंकि इतनी कम उम्र में ट्यूमर वह भी हार्ट के ऊपर। ऑपरेशन के रिस्क के बारे में समझाया गया कि ऑपरेशन के दौरान कुछ भी हो सकता है। यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है, परन्तु मरीज के माता-पिता दोनों को ही इस संस्थान पर बहुत ही ज्यादा विश्वास था एवं ऑपरेशन के लिए हामी भर दी।
यह ट्यूमर जिसको मेडिकल भाषा में मैच्चुर मेडिस्टाइनल टेरेटोमा (Mature Mediastinal Teratoma ) कहा जाता है। यह सामान्यतः 20 से 40 साल के मरीजों में पाया जाता है वह भी पेट के आस-पास। परंतु 05 साल की बच्ची में इस ट्यूमर का पाया जाना वह भी हार्ट के ऊपर बहुत ही दुर्लभ है।