रायपुर : कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने अवैध प्लाटिंग को लेकर बड़ा कदम उठाया है। नगर निगम के आउटर एवं उसके करीब वाले दर्जनभर गावों सहित तिल्दा, आरंग के 193 खसरों में दर्ज 162 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है। कलेक्टर ने ई-पंजीयन साफ्टवेयर में इन खसरों को ‘प्रतिबंधित खसरों’ की श्रेणी में दर्ज कर दिया है। इसका कड़ाई से पालन के लिए उपपंजीयक को निर्देश दिए हैं। बता दें कि पत्रिका ने अवैध प्लाटिंग और निर्माण की खबरों को प्रमुखता प्रकाशित किया था। इसके बाद बड़ा फैसला कलेक्टर ने लिया है।
कलेक्टर ने रायपुर, तिल्दा और आरंग तीनों तहसील की जमीन खरीद-बिक्री पर रोक लगाते हुए साफतौर पर कहा कि छत्तीसगढ़ कॉलोनाइजर एक्ट के तहत अवैध प्लाटिंग करने वालों के विरुद्ध कड़ाई से कार्रवाई राजस्व अधिकारियों को करना होगा। राजस्व एसडीएम की रिपोर्ट पर रायपुर तहसील के 12 गांवों में 126 खसरों, तिल्दा तहसील के 8 गांवों के 31 खसरों और आरंग तहसील के 5 गांवों के 31 खसरों की जमीन की खरीदी बिक्री पर कलेक्टर ने रोक लगाई है। अब इन खसरों की रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी। अब तक हुई अवैध प्लाटिंग की जांच भी होगी।
रायपुर तहसील में रायपुरा के 6, देवपुरी के 3, पुरैना के 1, अमलीडीह के 4, दतरेंगा के 11, सेजबहार के 13, कांदुल के 7, काठाडीह के 4, डोमा के 60, धरमपुरा के कठिया के 2 और गोगांव के 14 गांवों के खसरों की 93.339 एकड़ जमीन की खरीदी बिक्री पर रोक लगाई गई है। जबकि तिल्दा तहसील में सासाहोली,तिल्दा और कोहका गांवों के 4-4, कुंदरू और टंडवा के 6-6 तुलसी के 3, बिलाडी के 2 और नेवरा के 1 खसरे की 40.878 एकड़ जमीन और आरंग तहसील में लखौली के 13, बैहार और नरदहा के 3-3,चंदखुरी के 7 और गनौद के 5 खसरों में शामिल 27.919 एकड़ भूमि की खरीदी-बिक्री प्रतिबंधित की गई है।