कवर्धा : भगवान कृष्ण जन्माष्टमी के शुभअवसर पर राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी कृष्ण कंुज योजना के तहत कबीरधाम जिले के कवर्धा नगर पालिका क्षेत्र में जिले का पहला कृष्ण कंुज का वर्चुअल लोकार्पण प्रदेश के वन, परिवहन, आवास एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर द्वारा किया गया। मंत्री अकबर ने उपस्थित गणमान्य नागरिकों और जनप्रतिनिधियों को कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी। मंत्री अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी 162 नगरीय क्षेत्रों में ’कृष्ण कुंज’ विकसित जा रहे है।
जन्माष्टमी के अवसर पर कवर्धा के समनापुर मार्ग के कृष्ण कुंज में पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर, नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा, क्रेडा सदस्य कन्हैया अग्रवाल, कलेक्टर जनमेजय महोबे, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल सहित जनप्रतिनिधियों द्वारा सांस्कृतिक महत्व के पौधे जैसे चंदन, रूद्राक्ष, बरगद, पीपल, कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के एवं जीवनोपयोगी आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू ,चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, गुलर, पलास, अमरूद, सीताफल, बेल, आंवला के पौधो का रोपण किया गया। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि कवर्धा सहित जिले के पांच नगरीय निकाय सहसपुर लोहारा, पंडरिया, बोड़ला और पाण्डातराई में भी इस महत्वकांक्षी योजना के तहत कृष्ण कंुज विकसित किए जा रहे है।
वर्चुअल लोकार्पण अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेंद सिंह, अपर कलेक्टर बी.एस. उइके, एसडीओ एमएस डोंगरे, वन परिक्षेत्र अधिकारी लक्ष्मी नरायण सोनी सहित पाषर्द अशोक सिंह, नरेन्द्र देवांगन, सुनील साहू, सुशीला धुर्वे, संजय लांझी, एल्डरमेन दलजीत पाहुजा, कौशल कौशिक सहित कवर्धा शहर के गणमान्य नागरिक, वन विभाग, नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
मंत्री अकबर ने ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के उद्देश्यों को लेकर कहा है कि मुख्यमंत्री के भूपेश बघेल के मंशानुरूप “वृक्षारोपण को जन-जन से जोड़ने, अपने सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और उन्हें विशिष्ट पहचान देने के लिए इसका नाम ‘कृष्ण-कुंज’ रखा गया है। विगत वर्षों में शहरीकरण की वजह से हो रही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई से इन पेड़ों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है। आने वाली पीढ़ियों को इन पेड़ों के महत्व से जोड़ने के लिए ‘कृष्ण-कुंज’ की पहल की जा रही है। उन्होंने ने कहा कि सांस्कृतिक विविधताओं से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ का हर एक पर्व प्रकृति और आदिम संस्कृति से जुड़ा हुआ है। इनके संरक्षण के लिए ही यहां के तीज-त्यौहारों को आम लोगों से जोड़ा गया और अब ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के माध्यम से इन सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों को सहेजने की अनुकरणीय पहल हो रही है। जो आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर कल की ओर ले जाएगी और एक नए छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएगी।
मंत्री अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री के मंशानुरूप राज्य के सभी चिन्हांकित 162 नगरीय निकायों में वन विभाग के माध्यम से आज भगवान कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कृष्ण कंुज एक साथ विकसित किए जा रहे है। राज्य शासन द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन को विशेष ध्यान में रखते हुए पूरे प्रदेश में 2 करोड़ 20 लाख पौधो का रोपण किया जाएगा। जिसमें 1 करोड़ पौधा वन विभाग द्वारा और 1 करोड़ 20 लाख पौधा पौधा तुंहर दुआर कार्यक्रम के तहत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पौधा तुंहर दुआर कार्यक्रम के तहत जहां से भी पौधो की मांग आ रही है उसके आधार पर वन विभाग द्वारा घर तक पहंुचाकर उनकों पौधा देकर पौधारोपण के प्रति प्रेरित किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा नदी तट वृक्षारोपण कार्यक्रम संचालित है। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ की प्रमुख नंदियों के दोनों तरफ जहां-जहां स्थान उपलब्ध है वहां 100 मीटर तक की चौड़ाई में पौधारोपण किया जाएगा।
पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर ने कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वनमंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देश पर 162 स्थलों को ’कृष्ण कुंज’ का लोकार्पण हुआ है। इसका मुख्य उद्देश्य हरियर छत्तीसगढ़, स्वस्थ छत्तीसगढ़ और पर्यावरण से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ है। उन्होंने बताया कि ’कृष्ण कुंज’ के माध्यम से हमारा छत्तीगढ़ राज्य हरियर और स्वस्थ बनेगा।
नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा ने शहर के गणमान्य नागरिकों और जनप्रतिनिधियों को कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृष्ण जन्माष्टमी के दिन ’कृष्ण कुंज’ की सौगात देकर हम सभी नगरवासियों को बहुत ही गौरवान्वित महसुस किए है। उन्होंने कहा कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन चंदन, रूद्राक्ष, बरगद, पीपल, कदंब जो पर्यावरण की संतुलन बनाएं रखता है और हमे भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन मिलता है साथ ही धार्मिक महत्वपूर्ण पौधा आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू ,चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, गुलर, पलास, अमरूद, सीताफल, बेल, आंवला के पौधो का रोपण आज किया गया है। उन्होंने कहा कि ’कृष्ण कुंज’ को हम भगवान कृष्ण को समर्पित करते है।
उल्लेखनीय है कि अब तक राज्य के 162 स्थलों को ’कृष्ण कुंज’ के लिए चिन्हांकित किया गया है। 162 स्थलों को ’कृष्ण कुंज’ पौधारोपण भी बड़ी उत्साह के साथ किया गया। कृष्ण कुंज को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए सभी निकायों में एकरूपता प्रदर्शित करने के लिए वन विभाग द्वारा बाउंड्रीवाल गेट पर लोगो का डिजाईन एक समान तैयार किया गया है। कार्यक्रम का संचालन अवधेश नंदन वास्तव ने किया। आभार प्रदर्शन एसडीओ वन विभाग एमएस डोंगरे ने किया।