रायपुर : दरअसल मुतवल्ली चुनाव में पहली बार देखा जा रहा है कि जामा मस्जिद के लिए मुतवल्ली चुनाव के लिए पुरे रायपुर शहर के मुस्लिम समाज के लोग (पुरुष मतदाता) वोट करेंगे…वहीँ जो वोट देने के योग्य (पुरुष मतदाता) है उनका मतदाता रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिय गया है लेकिन अब बड़ा सवाल ये उठ रहा है की रायपुर में लगभग 50 मस्जिद है और सभी मस्जिद में मुतवल्ली चुनाव भी होता है लेकिन उन मस्जिदों में सिर्फ वही आस पास ( वार्ड) के लोग मतदान करते है जिससे की उनको अपने मस्जिद में क्या काम करवाना है और क्या बेहतर हो सकता है समाज के लिए इसके लिए कौनसा उम्मीदवार सहीं है ये उस क्षेत्र के लोग ही जान सकते है ना कि पुरे शहर के लोग….
जामा मस्जिद चुनाव में रायपुर के सभी लोगों को वोट देने का अधिकार देना क्या सहीं होगा…?
वही अब बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या जामा मस्जिद चुनाव के लिए जो नई चुनाव प्रणाली है जिसके माध्यम से जामा मस्जिद के लिए मुतवल्ली का चुनाव होगा तय हुआ है और पुरे रायपुर शहर के मुस्लिम (पुरुष) मतदाताओं को मुतवल्ली चुनने का अधिकार देना….और क्या वो जामा मस्जिद के लिए सहीं मुतवल्ली चुन पाएंगे…? ये सवाल सभी के मन में है
वही आपको बता दें की रायपुर की जामा मस्जिद में जब से मस्जिद का निर्माण हुआ तब से अब तक क्षेत्र के लोगों द्वारा ही मुतवल्ली चुना गया है कभी इस तरह से चुनाव नही कराया गया है वहीँ जब से जामा मस्जिद के लिए नई चुनाव प्रणाली का ऐलान किया गया है तब से ही जामा मस्जिद क्षेत्र के मुस्लिम समुदाय कई गुटों में बट गया है…
जामा मस्जिद चुनाव प्रणाली को रद्देबदल करने की मांग
वही अब जामा मस्जिद चुनाव प्रणाली को रद्देबदल करने और उसमें बदलाव करने की मांग को लेकर हुसैनी सेना के शहर अध्यक्ष अब्दुल रऊफ ने छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड से मांग की है…और विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि रायपुर के 50 मस्जिदों से 150 (जिसमे मस्जिद के चुने हुए मुतवल्ली, ईमाम और मोज्जन) लोगों को ही जामा मस्जिद के लिए मुतवल्ली चुनने का आधिकार दे…
अन्यथा जो प्रणाली से जामा मस्जिद का चुनाव कराया जा रहा है इससे मोहल्ला क्षेत्रवाद से गंभीर विवाद होने की स्तिथि बनती दिख रही है वही अब्दुल रऊफ ने इसे बदले के मांग की है जिससे शहर में और समाज अमन और भाईचारा बने रहे..