असम में मदरसों को ध्वस्त करना अवैध: विपक्ष

गुवाहाटी : असम में कथित ‘जिहादी गतिविधियों’ से जुड़े मदरसों को ध्वस्त करने के राज्य सरकार के अभियान की विपक्ष ने कड़ी आलोचना करते हुए इसे ‘पूरी तरह अवैध’ करार दिया और कहा कि ‘एक विशेष समुदाय’ को लक्षित किया गया है। भाजपा सरकार ने पिछले एक महीने के भीतर राज्य के विभिन्न हिस्सों में तीन मदरसों को उनके शिक्षकों को गिरफ्तार करने के बाद ध्वस्त कर दिया गया। शिक्षकों को कथित तौर पर ‘जिहादी’ गतिविधियों में शामिल होने पर गिरफ्तार किया गया था।

हालांकि, प्रत्येक अवसर पर ढांचा गिराने का आधिकारिक कारण जिहादी गतिविधियों के साथ किसी भी तरह का संबंध होने के बजाय दोषपूर्ण निर्माण या भूमि मानदंडों के उल्लंघन से संबंधित था।

सत्ता पक्ष के केवल राजनीतिक नेता ही मीडिया में आम तौर पर बयान देते हैं कि मदरसों को उनके परिसरों से कथित तौर पर जिहादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ध्वस्त किया गया है।

प्रशासन ने चार अगस्त को मोरीगांव जिले के मोइराबारी में, 29 अगस्त को बारपेटा के ढकलियापारा में और 31 अगस्त को बोंगईगांव के जोगीघोपा में मदरसों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।

ऑल असम तंजीम मदारिस कौमिया के सचिव अब्दुल कादिर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘मोइराबारी मदरसे को एक नोटिस भेजे जाने के बाद ध्वस्त कर दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि इमारत छोटी थी और बिजली का कनेक्शन अवैध था। ढकलियापारा में एक मदरसा को सरकारी जमीन पर बना होने के कारण गिरा दिया गया था।’’

उन्होंने दावा किया कि जोगीघोपा में दो मंजिला आवासीय मदरसे को आपदा मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए ध्वस्त कर दिया गया था और अधिकारियों ने इसमें रहने वालों को एक दिन पहले रात 10 बजे परिसर खाली करने के लिए कहा था।

कादिर ने कहा, ‘‘अगर कोई कुछ गलत करता पाया जाता है, तो हम कानून लागू करने वाली एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहे हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पूरे संस्थान की गलती है। एक शैक्षिक केंद्र को ध्वस्त करने का क्या मतलब है?’’

असम में पिछले साल एक अप्रैल से 610 सरकारी मदरसों को उच्च प्राथमिक, उच्च और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बदल दिया गया था, जिसमें शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की स्थिति, वेतन, भत्ते और सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया गया।

इसके बाद राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड, असम को भंग कर दिया गया और कक्षा-10 के विद्यार्थियों के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, असम द्वारा अंतिम असम उच्च मदरसा परीक्षा वर्ष 2022 में हुई।

वर्तमान में लगभग 1,000 निजी मदरसे हैं, जो ऑल असम तंजीम मदारिस कौमिया के दिशानिर्देशों और पाठ्यक्रम के अनुसार चलाए जा रहे हैं।

विपक्षी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने कहा कि असम सरकार का जिहादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के बहाने शैक्षणिक केंद्रों पर बुलडोजर चलाना ‘‘पूरी तरह से गलत’’ है।

एआईयूडीएफ विधायक अशरफुल हुसैन ने कहा, ‘‘अगर कुछ गलत था, तो उन्हें सुधारें। आखिर ये मदरसे शिक्षा दे रहे हैं। मदरसों को ध्वस्त करना एक विशेष समुदाय के खिलाफ नफरत की अभिव्यक्ति है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व में असम राज्य जमीयत उलमा-ए-हिंद और ऑल असम तंजीम मदारिस कौमिया (एएटीएमक्यू) मदरसों के विध्वंस के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने पर विचार कर रहे हैं।

माकपा राज्य सचिव सुप्रकाश तालुकदार ने कहा कि उनकी पार्टी पूरी तरह से मदरसों को गिराए जाने के खिलाफ है, क्योंकि एक संदिग्ध की गिरफ्तारी न्याय प्रणाली का अंतिम चरण नहीं है। तालुकदार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार सभी नियमों को तोड़ रही है।(इनपुट-भाषा)

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