रांची. झारखंड में 25 अगस्त से चल रही राजनीतिक अस्थिरता पर विराम सिर्फ राज्यपाल का फैसला ही लगा सकता है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की योग्यता को लेकर चुनाव आयोग ने पत्र में क्या अनुशंसा की है, इसका जवाब सिर्फ राज्यपाल रमेश बैस के पास ही है. इसी बात को लेकर सत्तापक्ष के 10 सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार शाम को राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की. महामहिम राज्यपाल से मुलाकात के बाद जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि एक से दो दिन में वे (राज्यपाल) स्थिति साफ करेंगे.
उधर, सत्तापक्ष के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि मुझे चुनाव आयोग की तरफ से एक पत्र मिला है. राजभवन दो-तीन बिंदुओं पर स्टडी कर रहा है. जल्द ही स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी.
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सुप्रियो भट्टाचार्य के मुताबिक, राज्यपाल महोदय ने साफ किया है कि हमें चुनाव आयोग से एक पत्र मिला है. जिसपर कानूनी राय लेने के बाद स्थिति साफ कर दी जाएगी. हमने उनसे कहा कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता है. जिस तरह से शासन-प्रशासन यहां पर काम कर रहा है, उससे यह तो साफ है कि राज्य में हॉर्स ट्रेडिंग का माहौल बनाया जा रहा है. ऐसे में राज्यपाल को चाहिए कि वे जल्द से जल्द स्थिति साफ करें.
बता दें कि भाजपा ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए का उल्लंघन करने के लिए सोरेन को अयोग्य ठहराए जाने की मांग राज्यपाल रमेश बैस से की है. यह अधिनियम सरकारी अनुबंधों के लिए अयोग्यता से संबंधित है. इस मांग के बाद राज्यपाल ने चुनाव आयोग से उसकी राय मांगी थी.