नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों जलाने पर लगे बैन के खिलाफ दाखिल याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि लोगों को साफ हवा में सांस लेने दीजिए और पैसे पर मिठाई खर्च करिए। इससे पहले हाईकोर्ट ने पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा, मामला सुप्रीम कोर्ट में है, तो हम सुनवाई नहीं कर सकते हैं।
मनोज तिवारी ने दाखिल की जनहित याचिका
दरअसल, दिल्ली सरकार ने दिवाली पर पटाखे जलाने पर बैन लगा दिया है। सरकार के इस फैसले को बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। बीजेपी सांसद ने SC में जनहित याचिका दायर कर दिवाली पर पटाखे जलाने को लेकर निर्देश जारी करने की अपील की थी।
इस याचिका में कहा गया है, साल 2021 में भी कई राज्यों ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था। इस फैसले के चलते दिवाली की शाम हिंदुओं की गिरफ्तारियां हुई थीं। जबकि 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर साफ किया था कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।
मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिवाली से पहले औरंगजेब की तरह पटाखों पर बैन लगा दिया है। कोरोना के चलते व्यापारियों को पहले से ही काफी नुकसान हो चुका है। अब दिल्ली सरकार के इस फैसले से व्यापारियों के रोजगार पर संकट पैदा हो सकता है।
दिल्ली में आतिशबाजी न हो, इसके लिए बनीं 375 टीमें
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिवाली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए पटाखों पर बैन लगाया है। सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी लोगों से दीपावली पर पटाखे न जलाने की अपील की है। इसकी निगरानी के लिए दिल्ली पुलिस की 210 टीमें बनाई गई है। वहीं, राजस्व विभाग ने 165 टीमें गठित की हैं। नियमों का उल्लघंन करने वालों पर 5 हजार रुपए तक का जुर्माना और 3 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
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