नई दिल्ली : पूरे देश के मार्गदर्शक एवं युवाओं को मतदान के प्रति जागरूक करने वाले देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी का आज सुबह दो बजे निधन हो गया। उन्होंने इस दुनिया को छोड़ने से पहले ही अपनी अंतिम इच्छा मतदान करके पूरी की। उन्हें एहसास हो गया था कि अब इस दुनिया को छोडकर जाना है तभी उन्होंने प्रशासन से मांग की थी कि दो नंवबर को घर से ही मतदान करेंगे।
जानकारी के अनुसार, इससे जब प्रशासन ने उनसे पूछा कि आप कहां से मतदान करेंगे तब उन्होंने कहा था हर बार की तरह इस बार भी कल्पा प्राथमिक पाठशाला पोलिंग बूथ से ही मतदान करूंगा, लेकिन तबीयत ठीक न होने पर उन्हें लगा कि अब इस दुनिया से विदा लेना है। इसलिए उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की कि अब वे अपने घर से ही मतदान करेंगे। उन्होंने अंतिम बार इस विधानसभा में मतदान करके पूरे देश और किन्नौर के मतदाताओं को एक संदेश दिया है।
उनके निधन की जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी का निधन हुआ है जो पूरा देश और किन्नौर के लिए दुखद है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से उनको पूरा सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि सभी प्रशासन के अधिकारी और पुलिस अधिकारी उनके अंतिम संस्कार में मौजूद रहेंगे और पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
नेगी की निधन की सूचना मिलते ही सुबह से उनके घर में उनका अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही लोगों तांता लगा रहा। नेगी अपने पीछे तीन बेटे और पांच बेटियां को छोड़कर चले गए हैं। सूचना मिलते की प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उनके पोते को फोन पर बातचीत करके उन्हें संत्वाना दी।
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सन् 1917 में जन्मे नेगी ने 1951 से लेकर अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव में मतदान किया है। 2014 से हिमाचल के चुनाव आइकन भी हैं। नेगी ने 1951 से हर चुनाव में मतदान किया। प्रथम मतदाता ने पहली बार घर के प्रांगण में बने डाक बूथ में एक लिफाफे में बंद कर मतपेटी में डाल दिया था। सरण नेगी न केवल हिमाचल, बल्कि देश के आइकन रहे। 106 वर्ष की आयु होने के बाद भी मतदान करने के प्रति उनका जज्बा इस बात का प्रमाण है कि लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में एक-एक मत की कितनी महत्ता है।
सीएम ने ट्वीट किया, ”स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता एवं किन्नौर से संबंध रखने वाले श्याम सरन नेगी जी के निधन की खबर सुनकर दुःखी हूं। उन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए 34वीं बार बीते 2 नवंबर को ही विधानसभा चुनाव के लिए अपना पोस्टल वोट डाला, यह याद हमेशा भावुक करेगी। ॐ शांति! ईश्वर उनकी पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकग्रस्त परिवारजनों को संबल प्रदान करें।”
गौरतलब है कि पहले नेगी ने कहा था कि वह मतदान केंद्र में जाकर मतदान करेंगे, लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते घर से ही वोट डालना पड़ा। 34वीं बार मतदान करने वाले नेगी ने पहली बार बुधवार को डाक मतपत्र के माध्यम से वोट डाला। जुलाई 1917 में जन्मे नेगी ने 1951 से लेकर अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव में मतदान किया है। 2014 से हिमाचल के चुनाव आइकन भी हैं। नेगी ने 1951 से हर चुनाव में मतदान किया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने भी शतायु वोटर श्याम सरन नेगी को मतदान करने पर बधाई दी।
जिला निर्वाचन अधिकारी आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि नेगी को उनके घर के प्रांगण में बने डाक बूथ तक लाने के लिए रेड कारपेट बिछाया गया था। मतदान के बाद उनके वोट को एक लिफाफे में बंद कर मतपेटी में डाल दिया गया। श्याम सरण नेगी को टोपी और मफलर भेंट कर सम्मानित किया गया। कहा कि श्याम सरण नेगी न केवल हिमाचल, बल्कि देश के आइकन हैं। हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। 106 वर्ष की आयु होने के बाद भी मतदान करने के प्रति उनका जज्बा इस बात का प्रमाण है कि लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में एक-एक मत की कितनी महत्ता है।