गरियाबंद : विद्युत विभाग छत्तीसगढ़ की लापरवाही के चलते आज एक कृषक और पशुपालक को लाखों रुपए के नुकसान का करना पड़ा सामना मामला है गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम तौरैगां मैं प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल जतमई मंदिर जाने वाले मार्ग पर आज छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल की लापरवाही के चलते एक बड़ा दर्दनाक हादसा हो गया।जब पशुपालक के द्वारा अपने पालतू सात भैंसों को लेकर चराने के लिए खेतों की ओर ले जा रहा था तब विद्युत विभाग के हाईटेंशन तार मैं अचानक विद्युत करंट प्रभावित हो गया और यह करंट जमीन में चारों ओर फैल गया इस करंट की चपेट में आने से चरवाहे के साथ वैसे दर्दनाक मौत की शिकार हो गई।
घटना लगभग 5 बजे की बताई जा रही है।तौरेंगा गाव के मौली पारा से जतमई मार्ग से 100 की दूरी पर रोज की तरह चरवाहा मवेशियों को चरा रहा था।खेत के बीच मे बिजली खम्भे मे अर्थिंग तार में अचानक बिजली करेंट प्रभावित हो गया।स्थानीय ग्रामीणों की जानकारी के अनुसार जतमई धाम प्रमुख मार्ग के समानांतर जाने वाले इस बिजली लाइन मे हमेशा ही विद्युत व्यवस्था की लापरवाही देखी जाती है घने जंगल और ऊंचे वृक्षों में कई बार तेज आंधी के कारण वृक्षों की लगाले विद्युत तारों पर गिर जाती है और तारों से बहता हुआ करंट कभी भी बड़े हादसे को न्योता देता दिखता है। इससे पहले भी इसी मार्ग पर दो वर्ष पूर्व 5 गायों की मौत बिजली तार के टूटने से हुआ था।एक बार फिर से हुई इस घटना ने विद्युत विभाग की लापरवाही की पोल खोल कर रख दी है।विद्युत विभाग के गैर जिम्मेदाराना व उदासीन रवैये के खममियाजा आये दिन ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
इतना सब होने के बावजूद जिम्मेदारों की चुप्पी आश्चर्यजनक है।अनहोनी घटना से ग्रामीण खासे डरे सहमे भयभीत है। मामले में चरवाहे से मिली जानकारी के अनुसार घटना के दरमियान भैसो की झुडों मे से एक भैंस बिजली खंभे के पास घास चरने गई ही थी, कि तभी खंबे के नीचे विद्युत करंट प्रभावित हो गया अचानक चपेट में आई भैंस को तड़पता देख भैंसों के झुंड में अन्य शामिल भैंसें भी चपेट में आ गयीं चरवाहे ने अन्य पशुओं की सुरक्षा के लिए उन्हें इधर-उधर दौड़ाना शुरू कर दिया। जिससे अन्य गोधन पशु आसपास दौड़ लगाकर भाग गए।अगर बे भी इस करंट की चपेट में आते तो और जानवरों के मरने की संभावना थी। मवेशियों के आते ही घटना की जानकरी चरवाहे ने ग्रामीणों को जानकारी दी फिर ग्रामीणों ने स्थानीय विद्युत सब स्टेशन सांकरा में जानकारी देकर रोहित विद्युत करंट को बंद करवाया। तब कही जाकर बाकी मावेशियों की जान बची इस बीच आसपास के खेतो मे धान कटाई का कार्य चल रहा था।
अगर इश्क मार्क से कृषक भी अगर लौट रहे होते तो और भी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता था।खबर मिलते ही ग्रामीणों के द्वारा अपने अपने मावेशीयों जानकारी देने पहुंचे।चरवाहे से मिली जानकारी के अनुसार मृत पशुओं के मालिक ओमकार साहू, मोती राम ,गोबर्धन राम ,भगवान सिंह के मावेशी है।इस घटना के बाद से ग्रामीणों बिजली विभाग के प्रति भारी आक्रोश है , क्योकि खेतो मे विद्युत विभाग के द्वारा खंभों से खंभों की दूरी के बीच के तार खेतों आम नागरिकों के हाथ की पहुंच पर लटक रहे हैं।जिसके हमेशा एक बड़ी घटना होने का भय बना रहता है।अगर समय रहते पांडुका विद्युत विभाग के कनिष्ट यंत्री कार्यालय द्वारा समय रहते इस लचर व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया तो इस जंगल में रहने वाले वन्य प्राणी और इस क्षेत्र में लगातार 3 वर्षों से हाथियों के दल जिसमें लगभग 2 दर्जन से अधिक हाथी हैं उनके साथ भी कोई भी अनहोनी घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता।वह क्षेत्र है इसको लेकर वन विभाग भी कहीं ना कहीं चिंतित नजर आता है ।