रायपुर, 23 नवंबर 2022 : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वन भूमि पर काबिज लोगों को भूमि का अधिकार पट्टा प्रदान कर आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आजीविका का एक स्थायी साधन दिलाया है। काबिज जमीन का मालिकाना हक मिल जाने से ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी छायी है। अब उन्हें बेदखली का डर नहीं रह गया। किसान निश्चिंत होकर अपनी भूमि पर खेती कर, सुखी जीवन जी रहें है। साथ ही अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत बना रहे है। जिससे ग्रामीणों की जीवन बदल रही है।
प्रदेश में जशपुर जिले के कांसाबेल विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बटईकेला निवासी रामरतन को वनाधिकार पट्टा मिलने से उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि उन्हें 0.405 हेक्टेयर भूमि का वन अधिकार पत्र प्राप्त हुआ है। उनकी पिछली पीढ़ियों के जमाने से ही इस जमीन पर उनका परिवार काबिज रहा है और खेती-किसानी करते आया है, जिसका उन्हें पट्टा मिला है।
रामरतन ने बताया कि उनके परिवार के आजीविका का मुख्य साधन खेती है। परिवार के जीवन निर्वाह का अन्य साधन न होने के कारण उनके लिए यह जमीन बहुत मायने रखती थी, साथ ही दादा परदादा के समय से इस जमीन से जुड़ाव होने के कारण उनका भावनात्मक संबंध भी रहा है। हितग्राही ने बताया कि पहले उन्हें हमेशा काबिज भूमि के छीन जाने का भय रहता था परंतु अब जमीन का मालिकाना हक मिलने से उन्हें बेदखली का डर नहीं है।
अब वे हक के साथ उस जमीन पर खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि खरीफ समय में धान की खेती की है, इस बार फसल अच्छा हुआ है, जिससे अच्छी आमदनी की आशा है। साथ ही रबी के समय में मौसमी सब्जियों का फसल भी लेंगे। जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हुई है।
रामरतन ने कहा कि पूर्वजों के काबिज जमीन का उन्हें स्वामित्व अधिकार मिलने से उनके परिवार के भरण-पोषण की चिंता अब नहीं रह गई है। इसके लिए उन्होंने प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन को सहृदय धन्यवाद दिया।