रायपुर. प्रदेश में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में आम आदमी को इसकी वजह से राहत मिलेगी और महंगी बिजली का करंट नहीं लगेगा। छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी ने बिजली नियामक आयोग में इस बार जो 2023-24 के लिए याचिका दायर की है, उसमें टैरिफ में किसी भी तरह का बदलाव न करने की बात साफ तौर पर लिखी है। आमतौर पर पॉवर कंपनी न तो टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव देती है और न ही टैरिफ में किसी तरह का बदलाव करने की बात लिखती है, लेकिन इस बार टैरिफ में बदलाव न करने की बात लिखी गई है। इसके बाद भी बिजली नियामक आयोग अगले माह जनसुनवाई करने के बाद ही नया टैरिफ तय होगा। संभावना है, एक लाइन का आदेश जारी होगा कि पुराना टैरिफ ही यथावत रहेगा। ऐसा पहले भी चुनावी साल में हो चुका है।
पॉवर कंपनी हर साल दिसंबर में बिजली नियामक आयोग को आगामी साल के खर्च और कमाई का पूरा लेखा-जोखा देकर याचिका लगाती है। इसके आधार पर ही आयोग जनसुनवाई करने के बाद तय करता है कि बिजली की कीमत में कितना इजाफा होगा और टैरिफ क्या होगा। कई सालों तक पॉवर कंपनी समय पर याचिका ही नहीं लगा रही थी। इस बार कंपनी ने समय से पहले ही याचिका लगा दी है। इसके पीछे का कारण जानकार यह बता रहे हैं कि इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में इस बार बिजली की कीमत में इजाफा नहीं होगा। जब से छत्तीसगढ़ राज्य अलग बना है, चुनावी साल में कभी भी बिजली की कीमत नहीं बढ़ी है।
सप्लाई दर में इजाफा नहीं
पॉवर कंपनी ने बिजली नियामक आयोग को जो लेखा-जोखा भेजा है, उसमें बताया गया है कि अगले साल 63 लाख उपभोक्ताओं को बिजली दी जाएगी। बिजली आपूर्ति करने के लिए औसत 3.71 रुपए की दर से 4083 करोड़ यूनिट बिजली की खरीदी की जाएगी। इसकी अनुमानित लागत 15179 करोड़ होगी। इसी के साथ यह बताया गया है कि 2021-22 के राजस्व की अंतर की राशि और अनुमानित खर्च 15581 करोड़ को अनुमानित राजस्व में शामिल करने पर बिजली सप्लाई दर चालू वित्त वर्ष की तरह की 6.22 रुपए आ रही है। ऐसे में बिजली के टैरिफ में कोई भी बदलाव करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।