रायपुर । विश्व धरोहर सिरपुर बचाने,हाईवे स्थिति खैरझिटी,कौंवाझर,मालिडीह के कृषि भूमि,गरीबों का काबिल कास्त भूमि, आदिवासी भूमि,शासकीय भूमि में गैर कानूनी ढंग से करणी कृपा स्टील एवं पावर प्लांट लगाने के विरोध में विगत 25 फरवरी 2022 से क्षेत्र के किसानों द्वारा छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले अखण्ड सत्याग्रह चल रहा है।आज अखंड धरना सत्याग्रह के 316 दिन लगभग 35 किसान जवान और महिलाओं ने भाग लिया।आज अखण्ड धरना सत्याग्रह का नेतृत्व किसान नेता लोकेश्वर सेन,भगवत साहू,नंदलाल पटेल,तोषनलाल सिन्हा,धर्मेंद्र बरिहा, प्यारेलाल धीवर,चंदू यादव ने किया। आज अखण्ड धरना सत्याग्रह में शामिल कार्यकर्ताओं को किसान नेता नंदकिशोर यादव, लुकेश्वर सेन,धर्मेंद्र यादव,नंदलाल पटेल,भागवत साहू,श्रीमती राधाबाई सिन्हा, श्यामाबाई ध्रुव,ललीता साहू,खेमिन साहू,रामबाई सिन्हा,पंचवती यादव आदि ने संबोधित किया।अखण्ड सत्याग्रह में शामिल कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए किसान नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि करणी कृपा स्टील एवं पॉवर प्लांट के डायवर्सन में फर्जीवाड़ा सैकड़ों किसानों की आपत्ति व प्रकरण को सुने बैगर आर्थिक लाभ लेकर एसडीएम महासमुन्द ने दिया सशर्त आदेश,जिसके खिलाफ किसानों ने डी.एम.कोर्ट महासमुन्द में लगाया अपील।किसान न्याय के लिए माननीय उच्च न्यायालय जाएंगे।
किसानों के महान पर्व छेर छेरा त्योहार की सभी किसानों को बधाई और शुभकामना। लुकेश्वर सेन ने कहा कि कल 6 जनवरी को अन्नदाता किसानों का सबसे बड़ा दान पर्व छेरछेरा पुन्नी का त्यौहार है। इस महापर्व के उपलक्ष पर समस्त किसान परिवार एवं विशेष कर अखण्ड धरना सत्याग्रही किसानों को डलिया- डलिया बधाई एवं गाड़ा-गाड़ा मंगल कामनाएं प्रेषित है।
नंदलाल पटेल ने कहा कि कल के महान पर्व में बढ़-चढ़कर भाग लेना है,क्योंकि किसानों के अधिकारों एवं उसकी खुशहाली की लड़ाई को दमखम के साथ लड़ा जा सके। भागवत साहू ने कहा कि जो अन्नदाता किसान लोगों की सेना के लिए जितना दान देगा भगवान उसको 10 गुना लाभ अवश्य ही प्रदान करेगा।श्रीमती राधाबाई सिन्हा ने कार्यकर्ता मन ल संबोधित करत हुए कहिन कि छेरछेरा पुन्नी तिहार हमार छत्तीसगढ़िया समाज खातिर सहकारिता के जननी बरोबर ये। छत्तीसगढ़ के कतकोन संस्थान छेरछेरा पुन्नी के दान ले ही निर्माण होये हे। येकर सेती हम लोगन आज संकल्प लेवत हन कि छेरछेरा अन्नदान पर्व म मिले दान के उपयोग किसान फंड ( नारायण कोठी )के गठन करके अन्नदाता किसान अउ उनकर संतान के भलाई खातिर नारायन कोठी के सदुपयोग करना हे।