नई दिल्ली. सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन और उसके चेयरपर्सन प्रसून जोशी ने फिल्म पठान में दीपिका पादुकोण की भगवा बिकनी पर सेंसर बोर्ड की कैंची नहीं चलाने का फैसला किया और फिल्म को कुछ बताए कट के बाद यूए सर्टिफिकेट के साथ रिलीज की मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी भी, शाहरुख खान की फिल्म पठान की टीम के लिए अच्छी खबर नहीं है। दरअसल, भले ही सेंसर बोर्ड ने रिलीज के लिए हामी भर दी लेकिन लोगों का विचार यह है कि यश राज फिल्म्स को स्वेच्छा से पठान के बेशरम रंग गाने को एडिट करना चाहिए, इससे पहले कि यह और अधिक नुकसान पहुंचाए।
एक फिल्म निर्माता ने भी इसपर आश्चर्य जताते हुए सवाल किया था कि फिल्म में इस गाने की आवश्यकता क्यों है। उन्होंने कहा था कि उन्होंने (पठान के निर्माताओं) पहले ही गाने का अधिकतम उपयोग कर लिया है। प्लॉट के लिए इसका कोई आंतरिक मूल्य नहीं है। इसे फिल्म में क्यों रखा जाए और जो लोग इसे हटाना चाहते हैं, उनके गुस्से का शिकार क्यों बनें?
वहीं बिहार की एक प्रमुख प्रदर्शक सुमन सिन्हा का कहना है कि अगर गीत को नहीं हटाया गया तो बिहार के लोग पठान को नहीं देखेंगे। वे जनता पर लाल झंडा क्यों लहराना चाहते हैं? या फिर भगवा झंडा? वो परेशानी की तलाश में है। ये बेशर्मी बेवजह है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक शाहरुख खान के एक करीबी सूत्र ने बताया कि टीम गाने को हटाने पर विचार कर रही है। यह गंभीर चर्चा के अधीन है।
बता दें कि अहमदाबाद में विहिप और बजरंग दल के सदस्यों ने कहा कि वे गुजरात में इसकी स्क्रीनिंग की अनुमति तब तक नहीं देंगे जब तक कि इसके गाने बेशर्म रंग को लेकर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता। सोशल मीडिया पर दिख रही कई वीडियो में बुधवार को विहिप और बजरंग दल के सदस्यों को नारेबाजी करते, फिल्म के पोस्टर को फाड़ते और पठान के बड़े कटआउट पर पैर पटकते हुए देखा जा सकता है। विरोध का केंद्र बेशरम रंग गाना है जिसमें दीपिका को भगवा बिकनी पहने दिखाया है। यह गाना 12 दिसंबर को रिलीज हुआ और यूट्यूब पर अब तक इसे 50 मिलियन व्यूज मिल चुके हैं। अब मेकर्स इसे हटाएंगे या नहीं इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।