ऐतिहासिक छत्तीसगढ़ी फिल्म घर द्वार सन 1965 -1971 के निर्माता , छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का सपना संजोने वाले और छत्तीसगढ़ी कला संस्कृति को बढ़ावा देने वाले स्वर्गीय विजय कुमार पांडेय की स्मृति में छत्तीसगढ़ी सिनेमा किताब का लेखन किया जा रहा है। अब तक बीस से ज्यादा पुस्तक लिख चुके वरिष्ठ पत्रकार तपेश जैन के साथ ही छत्तीसगढ़ी फिल्म के निर्माता -निर्देशक डॉ. पुनीत सोनकर संयुक्त रूप से छत्तीसगढ़ी भाषा में पहली बार किताब की रचना कर रहे है जिसमे छत्तीसगढ़ी फिल्मों का इतिहास , और भविष्य की चुनौतियों पर छत्तीसगढ़ी सिनेमा से जुड़े लोगों के विचार शामिल किये गए है। किताब लगभग तैयार है। इस किताब के कवर का विमोचन प्रसिद्ध निर्देशक श्री सतीश जैन , श्री मनोज वर्मा के कर कमलों से हुआ। इस अवसर पर आंध्रा एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री जी. स्वामी , स्मार्ट सिनेमा के सम्पादक श्री पी एल एन लक्की , प्रसिद्ध अभिनेत्री सुश्री मोना सेन , निर्मात्री श्रीमती दिव्या नागदेव , ए वी एम म्यूजिक के डायरेक्टर श्री संतोष कुर्रे , जे के फिल्मस के संचालक श्री जय प्रकाश पांडेय , लेखक तपेश जैन , अभिनेता श्री क्रांति दीक्षित उपस्थित थे। नवा रायपुर स्थित सत्य साईं हॉस्पिटल के सभागार में भनपुरी माता स्व. चंद्रकली पांडेय की स्मृति में आयोजित छत्तीसगढ़ी एल्बम और यूट्यूब के लोकप्रिय कलाकारों के अवॉर्ड समारोह में ये कवर विमोचित हुआ। गौरतलब है की छत्तीसगढ़ी फिल्म घर द्वार में छत्तीसगढ़ की कई नामचीन हस्तियों ने अभिनय किया है , जिसमे प्रसिद्ध फोटो जर्नलिस्ट और मुखर कवि बसंत दीवान , कवियत्री नीलू मेघ , राजनेता इकबाल अहमद रिजवी का नाम प्रमुख है। गीत लिखे थे प्रसिद्ध साहित्यकार छत्तीसगढ़ के पुरोधा स्व. हरि ठाकुर ने आवाज दी थी विश्व प्रसिद्ध गायक मोहम्मद रफ़ी ने। , कई संस्मरण और प्रसिद्ध नामों से युक्त छत्तीसगढ़ी फिल्म छत्तीसगढ़ की कालजयी रचना है जिसकी सह निर्मात्री थी भनपुरी माता स्व. चंद्रकली पांडेय।
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