रायपुर. तिल के लड्डुओं के बिना मकर संक्रांति अधूरी मानी है और इस संक्रांति लड्डू खाना महंगा पडने वाला है क्योंकि तिल व गुड़ के भाव में फिलहाल काफी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। पिछले एक महीने के दौरान सफेद और काली तिल के भाव में 20 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी आ गई है वहीं गुड़ की कीमत में भी प्रतिकिलो 5 से 10 रुपए तक उछाल आया है।
व्यापारियों से मिली जानकारी के अनुसार ठंड के दिनों में लोग तिल के लड्डू खाना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि यह शरीर को गर्मी देता है। इस कारण पिछले एक महीने में सफेद और काली तिल में क्रमश: 45-45 रुपए की बढ़त देखने को मिली है। काली तिल 170-180 रुपये किलो और सफेद तिल की कीमत 200 से 210 रुपये किलो पहुंच गई है। वहीं गुड़ के दाम 5 से 10 रुपये बढ़कर 45 से 50 रुपये प्रति किलो मिल रहा है।
महामाया मंदिर के पं. मनोज शुक्ला ने इस संबंध में बताया कि मकर संक्रांति पर तिल के प्रयोग को परंपरा का अंग हमारे ऋषि-मुनियों ने बहुत सोच-समझकर बनाया है। कहते हैं मकर संक्रांति से दिन तिल-तिल कर बड़ा होने लगता है। आयुर्वेद के अनुसार तिल शरद ऋतु के अनुकूल है। मानव स्वास्थ्य की दृष्टि से तिल का विशेष महत्व है इसलिए हमारे तमाम धार्मिक तथा मांगलिक कार्यों में, पूजा अर्चना या हवन, यहां तक कि विवाहोत्सव में भी तिल की उपस्थिति अनिवार्य है। इसकी तीन किस्में काला, सफेद और लाल विशेष प्रचलित हैं। इनमें काला तिल पौष्टिक व सर्वोत्तम है। आयुर्वेद 6 रसों में से 4 रस तिल में होते हैं। तिल में एक साथ कड़वा, मधुर एवं कसैला रस पाया जाता है।