लोहड़ी का पर्व पंजाब और हरियाणा में हिंदु और सिख समुदाय बहुत प्रमुखता से मनाते हैं। लोहड़ी जिसे लाल लोई, लोहाड़ी का पर्व मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन घरों के बाहर आग जलाते हैं। इस अग्नि में गुड़, रेवड़ी, मूंगफली परिक्रमा करते हुए अर्पित करते हैं। इस दिन फसलों को भी उसी अग्नि को भी अर्पित किया जाता है। इस साल लोहड़ी की तारीख को लेकर कंफ्यूजन है। कुछ लोग लोहड़ी को 13 जनवरी को मना रहे हैं, कुछ लोग 14 जनवरी को मना रहे हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार लोहड़ी शनिवार को मनाई जाएगी। इसका मतलब है कि मकर संक्रांति रविवार को मनाई जाएगी। लोहड़ी तिथि 14 जनवरी को सुबह 5.27 से 6.21 तक है। दरअसल मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी मनाने की परंपरा है, इसलिए शनिवार को लोहड़ी मनाना सही रहेगा।
लोहड़ी का त्योहार फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा हुआ है। किसान अपने नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के रूप में लोहड़ी मनाते हैं। लोहड़ी की रात को साल की सबसे लंबी रात माना जाता है। इस त्योहार से कई आस्थाएं भी जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि लोहड़ी पर अग्नि पूजन से दुर्भाग्य दूर होते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
यह त्योहार नवविवाहित जोड़े और परिवार में जन्मे पहले बच्चे के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन नई दुल्हन को उसकी ससुराल की तरफ से तोहफे दिए जाते हैं तो वहीं नए शिशु को उपहार देकर परिवार में उसका स्वागत किया जाता है।