नई दिल्ली.पश्चिमी देशों में मंदी की आहट की वजह से दुनिया के कई देश अलर्ट हो गए हैं। कई रिपोर्ट्स में आशंका जताई गई हैं कि इस साल मंदी की चपेट में आने की वजह से बड़ी संख्या में नौकरियां जाएंगी। अमेजन ने भी छंटनी की शुरुआत कर दी है। कंपनी के सीईओ एंडी जैसी ने बताया था कि भारत समेत दुनियाभर में अमेजन के 18 हजार से ज्यादा कर्मचारी हटाए जाएंगे। इससे पहले एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत में अमेजन एक हजार कर्मचारियों को निकाल सकता है, जिसमें एचआर, टेक आदि शामिल होंगे। पिछले हफ्ते के ब्लॉग पोस्ट में, जेसी ने पुष्टि की कि कंपनी 18 जनवरी के बाद प्रभावित कर्मचारियों के साथ संवाद करेगी।
‘इंडिया टुडे’ के अनुसार, जैसे ही अमेजन में छंटनी शुरू हुई, कई प्रभावित कर्मचारियों ने लिंक्डइन और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह जानकारी दी है कि उन्हें हटा दिया गया है और वे नए अवसरों के लिए तैयार हैं। भारत में भी अमेजन ने बेंगलुरु, गुरुग्राम समेत अन्य दफ्तरों में छंटनी की है। घाटे में चल रही टीम पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। निकाले गए कर्मचारियों में फ्रेशर्स और अनुभवी दोनों तरह के कर्मचारी हैं। अमेजन ने प्रभावित कर्मचारियों को एक ईमेल भेजकर बताया है कि उन्हें हटा दिया गया है। कंपनी ने वादा किया है कि वह अपने हटाए गए कर्मचारियों को पांच महीने की सैलरी भी देगी। हालांकि, ऐसे ही वादे ट्विटर ने भी किए थे, लेकिन अब तक बड़ी संख्या में हटाए गए ट्विटर के पूर्व कर्मचारियों को पैसे नहीं दिए गए हैं।
अमेजन में छंटनी की शुरुआत हाल ही में हुई है और आने वाले कुछ हफ्तों तक चल सकती है। पिछले हफ्ते के ब्लॉगपोस्ट में अमेजन के सीईओ ने कहा था कि कंपनी ने कोरोना महामारी के दौरान अधिक लोगों को काम पर रखा था और इसीलिए अब वह धीरे-धीरे उस वर्क फोर्स को कम कर रही है। अमेजन के सीईओ ने आधिकारिक ब्लॉगपोस्ट में कहा, “इस साल की समीक्षा अनिश्चित अर्थव्यवस्था को देखते हुए अधिक कठिन रही है और हमने पिछले कई वर्षों में तेजी से लोगों को काम पर रखा है।”
उन्होंने आगे लिखा था कि हम 18,000 से अधिक भूमिकाओं को खत्म करने की योजना बना रहे हैं। कई टीमें प्रभावित होती हैं। हालांकि, अधिकांश छंटनी हमारे अमेजन स्टोर और पीएक्सटी संगठनों में हैं। प्रभावित कर्मचारियों को कुछ राहत के रूप में जैसी ने कुछ महीने की सैलरी, हेल्थ बेनिफिट्स और अन्य आवश्यक मदद देने का वादा किया। उन्होंने आगे कहा कि हम गहराई से जानते हैं कि ये काफी मुश्किल है और हम इन फैसलों को हल्के में नहीं लेते हैं। यह भी समझते हैं कि ये फैसले लोगों के जीवन को कितना प्रभावित कर सकते हैं। हम एक पैकेज दे रहे हैं, जिससे प्रभावित लोगों को मदद मिलेगी।