छत्तीसगढ़ वन एवं वन्यप्राणियों के मामले में अत्यंत सपन्न – वन मंत्री श्री अकबर

रायपुर, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने नवा रायपुर अटल नगर स्थित अरण्य भवन में आज इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में भारतीय वन सेवा 2021-23 बैच के 33 प्रशिक्षु अधिकारियों को उनके छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान संबोधित किया। वन मंत्री श्री अकबर द्वारा इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य में कराये जा रहे भू-जल संरक्षण कार्य, तेंदूपत्ता संग्रहण, प्रसंस्करण एवं विपणन तथा अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत कराये गये कार्यों के संबंध में प्रशिक्षु अधिकारियों को मार्गदर्शन दिया गया।

वन मंत्री श्री अकबर ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य वन एवं वन्यप्राणियों के मामले में अत्यंत सपन्न है। राज्य में कुल भौगोलिक क्षेत्र 135192 वर्ग कि.मी. का 44 प्रतिशत से अधिक भू-भाग वनाच्छादित है। यहां लगभग 300 हाथी विचरण कर रहे हैं, जिनके साथ साहचर्य से रहना, तद्नुरूप परिस्थिति उत्पन्न करना वन विभाग की प्रमुख जिम्मेदारियों में से एक है। इस मौके पर मंत्री के समक्ष प्रवास पर आए प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा भी उनके भारत भ्रमण से प्राप्त अनुभव को साझा किया गया। वन मंत्री द्वारा आगे बताया गया कि हाथियों को उचित रहवास स्थल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 1995 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को लैमरू हाथी रिजर्व नाम से अधिसूचित किया गया है।

वन मंत्री श्री अकबर द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में चल रही नवाचारी योजनायें-नरवा विकास योजना, मुख्य मंत्री वृक्ष संपदा योजना, पौधा तुंहर द्वार, कृष्ण कुंज योजना, वन्यप्राणी प्रबंधन योजना के संबंध में भी अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि वनांचलों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति और अन्य वनवासियों तथा कमजोर वर्ग के लोगों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिये वन विभाग द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही है, जिनका प्रत्यक्ष एवं परोक्ष लाभ हितग्राहियों को प्राप्त हो रहा है। विशेषकर लघु वनोपज संग्रहण, प्रसंस्करण एवं विपणन के बेहतर प्रबंधन से वनवासियों की आजीविका में वृद्धि हुई है।
छत्तीसगढ़ राज्य में मिलेट्स को मुख्य आहार के रूप में अपनाने हेतु जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी, कोदो, सांवा, चेना एवं कुटकी प्रचुर मात्रा में पायी जाती है, परन्तु इनकी फसलों के संग्रहण, प्रसंस्करण एवं मार्केटिंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों द्वारा इसका उपयोग नहीं किया जाता था। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा मिलेट्स के विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप इसको मुख्य आहार के रूप में बढ़ाये जाने में मदद मिल रही है।
इस अवसर पर वन मंत्री श्री अकबर का स्वागत प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री संजय शुक्ला द्वारा किया गया। कार्यक्रम में श्री भरत ज्योति निदेशक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून एवं प्रशिक्षु अधिकारियों श्री निखिल अग्रवाल तथा प्रदेश के वरिष्ठ वन अधिकारी उपस्थित थे।

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