पटना। बिहार के सियासी गलियारों में इन दिनों उपेंद्र कुशवाहा को लेकर खूब कयासबाजी चल रही है। कहा जा रहा है कि मंत्री नहीं बनाए जाने से वह नाराज चल रहे हैं। शरद यादव के निधन के बाद जब वह श्रद्धांजलि देने पहुंचे तो उनकी नाराजगी साफ-साफ झलक भी रही थी। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना उन्हें खूब सुनाया। उन्होंने कहा था कि जिस शरद यादव ने देश में कई नेताओं को राजनीति के शिखर पर पहुंचाया, उन्होंने आखिरी वक्त में उनसे मुंह मोड़ लिया था। भगवान ऐसा अंत किसी को न दें। उनका सीधा इशारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ था।
उपेंद्र कुशवाहा को लेकर नीतीश कुमार की पार्टी यानी जेडीयू ने भी मन बना लिया है। जेडीयू के उच्च सूत्रों का कहना है, ”कुशवाहा करीब छह महीने तक नीतीश कुमार के पास अपनी सियासी वजूद बचाने के लिए दौड़े थे। हमारे नेता ने उन्हें पूरा सम्मान दिया। उन्हें एमएलसी बनाया और जेडीयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष भी नियुक्त किया। उनकी महत्वकांक्षा यहीं नहीं रुकी। मंत्री बनने की उनकी ललास ने उन्हें भटका दिया है। यही वजह है कि वह इस तरह के बयान दे रहे हैं।”
कुशवाहा के कारण ही बीजेपी-जेडीयू का टूटा गठबंधन
इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक कहा कि बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन को तोड़ने में उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा हाथ है। वह लगातार गठबंधन विरोधी बयान दे रहे थे। जेडीयू नेता ने उपेंद्र कुशवाहा के सियासी अस्तित्व पर भी सवाल खड़ा किया। जेडीयू नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, ”हमारी पार्टी ने उपेंद्र कुशवाहा को लेकर मन बना लिया है। वह अपने सियासी जीवन को लेकर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्हें जेडीयू में काफी सम्मान मिला।”
जेडीयू से बाहर होकर क्या करेंगे उपेंद्र कुशवाहा?
उपेंद्र कुशवाहा के बयान के बाद उनके सियासी भविष्य को लेकर चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। कुछ सियासी पंडितों का मानना है कि वह बीजेपी में जा सकते हैं। हालांकि, उनके दावों में दम नहीं है। ऐसा इसलिए कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहते हुए ही उनके संबंध बीजेपी से खराब हो गए थे। इसके बाद बीजेपी भी यह मानती है कि गठबंधन तोड़ने के लिए नीतीश कुमार को उकसाने वालों में कुशवाहा भी शामिल थे। इसके अलावा, आरजेडी से उनके संबंध पहले से ही ठीक नहीं चल रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि जेडीयू से बाहर निकलने के बाद उपेंद्र कुशवाहा आखिर कहां जाएंगे।
आपको बता दें कि नीतीश कुमार की कैबिनेट का खरमास के बाद विस्तार होना है। पिछले दिनों चर्चा चली थी कि कुशवाहा को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। जब उनसे इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह कोई संन्यासी नहीं हैं और किसी मठ में नहीं बैठे हैं। हालांकि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यही सवाल किया गया तो, उन्होंने अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कैबिनेट विस्तार में सिर्फ कांग्रेस और आरजेडी से नए मंत्री बनने की बात कही।