एक तरफ पायलट का मिशन, दूसरी तरफ गहलोत का ‘चिंतन’, राजस्थान में चुनावी हलचल तेज

जयपुर. विधानसभा चुनाव से करीब 10 महीने पहले राजस्तान में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। एक तरफ राजस्थान सरकार ‘चिंतन’ करने जा रही है तो दूसरी तरफ पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ‘मिशन-23’ की शुरुआत करने का जा रहे हैं। पायलट सोमवार से ताबड़तोड़ रैलियों और जनसंपर्क अभियान का आगाज कर रहे हैं। माना जा रहा है कि लंबे समय से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजर टिकाए पायलट इन रैलियों से एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। राजनीतिक जानकार इसे अगले चुनाव से पहले खुद को सीएम उम्मीदवार घोषित कराने की कोशिश के तौर पर भी देख रहे हैं।  

पायलट की रैलियां ऐसे समय पर होने जा रही हैं, जब 23 जनवरी से राज्य में विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है। बुधवार को पंजाब में भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी से मुलाकात के बाद पायलट अपने मिशन का आगाज करने जा रहे हैं, जिसकी घोषणा उन्होंने खुद सोशल मीडिया के जरिए की थी। प्लान के मुताबिक, पायलट नगौर, हनुमानगढ़, झुंझुनू और पाली में 16-19 तक किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। किसानों के साथ पायलट युवाओं पर भी फोकस करेंगे। युवाओं में लोकप्रिय पायलट 20 जनवरी को जयपुर में स्टूडेंट्स को संबोधित करेंगे।

पिछले दिनों पायलट ने अपने शेड्यूल की घोषणा करते हुए कहा, ‘मैं राजस्थान के अलग-अलग जिलों में लोगों और कार्यकर्ताओं के बीच रहूंगा। पायलट सबसे पहले नागौर जिले के परबस्तर इलाके में 16 जनवरी को किसान सम्मेन को संबोधित करेंगे। 17 जनवरी को हनुमानगढ़ के पिलिबंगा, 18 जनवरी को झुंझुनू के गुढ्ढा, 19 को पाली के सदरी में सभा करेंगे। सचिन पायलट खेमे के नेताओं का कहना है कि पिछले दो सप्ताह में इन रैलियों के लिए बड़ी तैयारी की गई है। झुंझुनू में कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘हजारों समर्थक इन रैलियों में आ सकते हैं। इन्हें सफल बनाने के लिए बहुत मेहनत की गई है। रैलियों में भीड़ उमड़ने से जनता के बीच पार्टी की मजबूती का संदेश जाएगा।’

गहलोत की टेंशन बढ़ाएंगे पायलट?
राजनीतिक जानकार सचिन पायलट की सभाओं को दिलचस्पी भरी निगाहों से देख रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ चल रही उनकी खटास के बीच रैलियों के प्रभाव का आकलन भी किया जा रहा है। माना जा रहा है कि पायलट का गुट इन सभाओं के जरिए जनता और पार्टी नेतृ्त्व के सामने यह संदेश देने की कोशिश करेंगे कि राज्य की कमान अब युवा पायलट के हाथ में दी जाए। पार्टी आलाकमान ने सचिन पायलट को सीएम बनाने की तैयारी कर ली थी, लेकिन गहलोत के विरोध की वजह से इसे टालना पड़ा।

चिंतन में जुटे गहलोत
दूसरी तरफ राज्य सरकार जयपुर में आज से दो दिन का चिंतन शिविर आयोजित करने जा रही है। इसमें सरकार की योजनाओं और बजट घोषणाओं की समीक्षा की जाएगी। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करेंगे और इसमें सभी मंत्री-अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। 2 दिन के कुल 8 सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसमें मंत्री अपने-अपने विभाग के कामकाज का लेखा-जोखा रखेंगे। सभी मंत्रियों से मिले रिपोर्ट कार्ड के आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। 

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