महाराष्ट्र में बृह्नमुंबई महानगरपालिका यानी BMC के चुनाव और इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंबई दौरे ने हलचल तेज कर दी है। खास बात है कि इनके बीच राज्य सरकार भी राजनीतिक दुविधा में नजर आ रही है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का दावोस जाना तय था, लेकिन अब खबर है कि पीएम के दौरे के चलते दोनों नेताओं ने कार्यक्रम में बदलाव किए हैं। इसे लेकर विपक्ष भी हमलावर हो गया है।
बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं पीएम
पीएम मोदी 19 जनवरी को मुंबई आने वाले हैं। कहा जा रहा है कि इस दौरान वह कई बड़ी विकास परियोजनाओं का ऐलान कर सकते हैं। इस दौरे के तार मुंबई में होने वाले बीएमसी चुनाव से जोड़कर देखे जा रहे हैं। फिलहाल, बीएमसी पर शिवसेना का कब्जा है। बीते चुनाव में भाजपा 82 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी।
दावोस का कार्यक्रम
अब 15 जनवरी को शिंदे और फडणवीस दोनों ही नेता स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। इसके जरिए महाराष्ट्र में बड़े स्तर पर निवेश को आकर्षित करने की योजना थी। खास बात है कि राज्य में विपक्षी दल लगातार सरकार पर बड़े निवेश गंवाने के आरोप लगा रहे हैं।
अब क्या
अब एक मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि पीएम मोदी के दौरे के ऐलान के बाद फडणवीस ने दावोस जाना कैंसल कर दिया है। साथ ही वह पीएम के दौरे की तैयारियों में जुटे हुए हैं। इधर, शिंदे भी दावोस यात्रा को कम कर एक दिन पहले ही मुंबई लौट आएंगे। इससे पहले भी विपक्ष आरोप लगा रहा है कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र से निवेश और रोजगार लेने के लिए राज्य का इस्तेमाल कर रही हैं। ऐसे में ये फैसला विपक्ष को एक और मौका दे सकता है।
राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार निवेश को लेकर गंभीर नहीं है। निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए सभी राज्यों के प्रमुख दावोस जा रहे हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री भी वहां जाएंगे। लेकिन महाराष्ट्र के सीएम और डिप्टी सीएम को लगता है कि बीएमसी चुनाव के लिए पीएम का दौरा ज्यादा जरूरी है। पीएम जहां भी जाएं, उनका स्वागत होना चाहिए। हमारे पीएम अच्छे हैं। अगर अनुरोध किया गया होता, तो वह दौरे के लिए दूसरी तारीख तय कर देते। राज्य में पीएम का दौरा कभी भी हो सकता है, लेकिन दावोस में WEF का समय बदलेगा क्या।’
इधर, बालासाहेबांची शिवसेना की प्रवक्ता किरण पावसकर ने कहा, ‘कुछ भी नहीं बदला है। उद्योग मंत्री और उनका प्रतिनिधिमंडल पहले ही दावोस पहुंच चुका है और शिंदे जी भी रविवार को पहुंच रहे हैं। जो भी जरूरत होगी वह करेंगे और इसके बाद मुंबई में काम करने के लिए लौटेंगे। हर चीज पर आलोचना की जरूरत नहीं होती है।’