नागौर. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को किसान सम्मेलन की शुरुआत की। उन्होंने पहले दिन नागौर में मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर जोरदार प्रहार किया। पायलट से पहले उनके कई समर्थक विधायकों ने अपने ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर लिया और सरकार की खामियां भी गिनाईं। गहलोत कैबिनेट में मंत्री हेमराम चौधरी ने खुलकर कहा कि सचिन पायलट की मेहनत की वजह से ही कांग्रेस की राजस्थान में सरकार बनी, लेकिन आज वह सिर्फ विधायक हैं। चौधरी ने गहलोत का नाम लिए बिना कहा कि बुजुर्गों को अब युवाओं के लिए स्थान छोड़ देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो नौजवान धक्के मारकर अपनी जगह बना लेंगे, लेकिन ऐसा होने पर क्या शान रह जाएगी।
नागौर के परबतसर में हेमाराम चौधरी ने कहा, मेरी उम्र अब 75 हो गई है, फिर भी मैं इस चुनाव में पद के लिए डटा रहूं और दूसरों को मौका ना दूं तो यह कहां तक उचित है। दूसरों को भी मौका मिलना चाहिए। आज युवा लोग भी उम्मीद रखते हैं कि हमारा भी मौका आएगा। हम भी कभी चुनाव लड़ेंगे, विधायक, मंत्री बनेंगे। हम लोग उनको मौका देंगे नहीं तो मिलेगा कहां से। हम पुराने लोग जो 80 से सत्ता पर बैठे हैं, संगठन में बैठे हैं, उन्हें विचार करने की जरूरत है। अगर हम लोग विचार नहीं करेंगे तो युवा धक्का मारकर कब्जा कर लेंगे, उसमें क्या शान रहेगी। इसलिए शान तो इसमें है कि हम खुद इनको मौका दे दें।
जीवन में नहीं देखा पायलट जैसा नेता: चौधरी
मंत्री ने कहा कि सबको एकजुट होकर काम करना है। उन्होंने कहा, ‘ताली एक हाथ से नहीं बजती है, दोनों हाथों से बजती है। कुछ लोग एक हाथ से ताली बजाना चाहते हैं। वे लोग दिमाग से इस बात को निकाल दें, एक हाथ से ताली कभी नहीं बज सकती है, दोनों हाथ मिलाओगे तभी ताली बजेगी। सबको कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करना चाहिए, नाकि खुद की मजबूती के लिए काम करें।’ चौधरी ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में पायलट जैसा नेता नहीं देखा। पिना किसी पद के लोगों के बीच उनकी इतनी लोकप्रियता है।
बिजली और किसानों के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरा
मंत्री ने अपनी सरकार में बिजली और किसानों की हालत को भी खराब बताया। उन्होंने कहा, ‘किसानों की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। हम सत्ता में हैं, इसलिए हम कह नहीं सकते, लेकिन बिजली के हालात आज क्या हैं। लोगों के फोन आते हैं हमारे पास कि बिजली नहीं मिल रही है। किसानों की फसलें जल (सिंचाई के बिना) रही हैं। किसानों ने फसलें बो दीं। इनका इंतजाम कौन करेगा। या तो पहले बता देते कि आपको बिजली नहीं मिलेगी। आज उन्होंने बुआई कर दी, खर्चा कर दिया। इसके लिए किसानों को, सबको एगजुट होना पड़ेगा। आप एकजुट होकर संघर्ष नहीं करेंगे तो आपकी समस्याओं का समाधान मुश्किल होगा। आप लोग मजबूती से खड़े रहें।’