विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा है कि दक्षिण एशियाई देशों में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था सबसे खस्ता हाल में है। इसके साथ ही विश्व बैंक ने चालू वर्ष के दौरान पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर 2% तक धीमी रहने का अनुमान जताया है। विश्व बैंक की ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर जून 2022 के अनुमानों से दो फीसदी नीचे रह सकती है।
रिपोर्ट में इस साल 1.7 प्रतिशत की वैश्विक आर्थिक वृद्धि की उम्मीद जताई गई है और इस साल ‘लंबे समय तक चलने वाली मंदी’ की ओर इशारा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है, “यह गति भारत, मालदीव और नेपाल में अभी भी मजबूत विकास को दर्शाती है, लेकिन पाकिस्तान में बाढ़ और अफगानिस्तान और श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकटों के कारण अर्थव्यवस्था संकट की भरपाई नहीं कर पाया है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिगड़ता वैश्विक पर्यावरण इस क्षेत्र में निवेश पर बुरा असर डाल सकता है।ये रिपोर्ट विश्व बैंक समूह के एक प्रमुख प्रकाशन द्वारा जारी किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था न सिर्फ गिर रही है बल्कि वह क्षेत्रीय विकास दर को भी नीचे ला रहा है। हालांकि, रिपोर्ट में 2024 में पाकिस्तान की जीडीपी विकास दर में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नीतिगत अनिश्चितता पाकिस्तान के आर्थिक दृष्टिकोण को और जटिल बना रही है।
रिपोर्ट में पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली के लिए 2022 में आए विनाशकारी बाढ़ का भी हवाला दिया गया है। बाढ़ ने पाकिस्तान के लगभग एक-तिहाई हिस्से को डुबो दिया था और देश की लगभग 15 प्रतिशत आबादी को सीधे तौर पर प्रभावित किया था।
बता दें कि पिछले एक महीने में पाकिस्तान में खाद्य कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है। लोगों को गैस संकट, बिजली संकट, खाद्यान्न संकट का सामना करना पड़ रहा है।