छत्तीसगढ़: आजादी से पहले और बाद में लगातार अपनी भागीदारी के साथ जिम्मेदारी निभाने वाला छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले का रामाड़बरी गॉव जहाँ 132 घर 660 के लगभग जनसंख्या आश्रित गॉव से दुरी दो किलोमीटर गांव देश के नक्शे से गायब है। यही नहीं, गूगल मैप से भी गांव गायब है। गांव के लोग साल से अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रहे है सरकारी योजनाएं मुंह चिढ़ाकर लौटती जा रही हैं।
ग्रामीणों ने इंडिया वॉइस को बताया कि इस गांव में न ही आयुष्मान भारत योजना का गोल्डन कार्ड है और न ही,सड़क,पानी स्वास्थ्य सुविधाएं ना ही शौचालय। यहां के युवा आय, जाति और मूलनिवास प्रमाण पत्र भी अपने गांव के नाम से नहीं बनवा पा रहे हैं?। यानि जिस गांव में वे रहते हैं वहां का पता नहीं लिखते बल्कि पड़ोसी गांव ही उनकी पहचान बन गया है।
इंडिया वॉइस ने ग्रामीणों के दुख को गांव से सरपंच शत्रुघन चेलक से बात किया तो सरपंच ने बताया कि महासमुंद जिले के पटेवा तहसील के गांव रामाडबरी की अपनी कोई पहचान नहीं है। जबकि उक्त गॉव मे 132 घर 660 के लगभग जनसंख्या आश्रित गॉव से दुरी दो किलोमीटर इसके उपरांत सरकारी दस्तावेज से लेकर पोस्टआफिस, मानचित्र, खतौनी, इंतखाफ़ किसान बही समेत तमाम जगह गांव का आधिकारिक नाम नजर नहीं आता।
सरपंच ने बताया कि मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर गाँव के बारे में जानकारी दी तो मुख्यमंत्री ने सड़क बनाने की घोषणा की।