चुनावी बजट पर मंथन:27 से 29जनवरी तक अपने मंत्रियों से उनके प्रस्तावों पर बात करेंगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा का चुनाव है। इस बीच सरकार में 2023 के बजट पर मंथन तेज हो गया है। सभी विभागों ने बजट प्रस्ताव मंगा लिए गए हैं। 27 से 29 जनवरी के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने मंत्रियों के साथ विभागीय प्रस्तावों पर बातचीत करने वाले हैं। बताया जा रहा है इस साल मुख्यमंत्री जो बजट पेश करेंगे वह आकार में पिछले 22 सालों के इतिहास का सबसे बड़ा बजट होगा।

मंत्रियों से चर्चा के लिए तीन दिन का समय तय हुआ है। पहले दिन मंत्री उमेश पटेल, जय सिंह अग्रवाल और अमरजीत भगत के विभागों पर बात होनी है। दूसरे दिन यानी 28 जनवरी को अनिला भेंडिया, गुरु रुद्र कुमार, कवासी लखमा, डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और डॉ. शिव कुमार डहरिया से जुड़े विभागों के प्रस्ताव पर चर्चा होगी। अंतिम दिन यानी 29 जनवरी को मोहम्मद अकबर, रविंद्र चौबे, टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रोफाइल में जुड़े विभागों की योजना और प्रस्तावों पर बात की जाएगी।
मंत्रियों से बजट चर्चा की चर्चा का कुछ ऐसा शेड्यूल बना है।
मंत्रियों से बजट चर्चा की चर्चा का कुछ ऐसा शेड्यूल बना है।

मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ एक नवम्बर 2000 को अस्तित्व में आया। नई सरकार की ओर से तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने 2001 में पहला बजट पेश किया। यह साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए का था। बाद में अनुपूरक को मिलाकर इसका कुल आकार पांच हजार 705 करोड़ रुपए का हुआ। अगले साल का बजट इससे 20% बड़ा होकर छह हजार 870 करोड़ रुपए का हुआ। वहीं 2003 में अजीत जोगी सरकार ने ही बजट में 35% की वृद्धि की।

इस बार ई-बजट होगा

छत्तीसगढ़ में इस बार का बजट ई-बजट होने वाला है। वित्त विभाग और विधानसभा में इसकी तैयारी भी हो रही है। इसके तहत बजट भाषण की प्रति सीधे टेबलेट पर पढ़ी जाएगी। इसके लिए वित्त विभाग ने एक ऐप भी तैयार किया है। इसमें बजट से जुड़ी पूरी जानकारी होगी। विधायकों को लिए भी टेबलेट उपलब्ध कराया जाएगा। विधायकों की सीट पर इसे देखने की सुविधा उपलब्ध होगी। इससे पहले विधानसभा में प्रश्न पूछने के लिए विधायकों को लैपटॉप दिए गए थे।

चालू सत्र में एक लाख 4 हजार करोड़ का बजट

साल 2014-15 में बजट का आकार पहली बार 50 हजार करोड़ रुपए के पार पहुंचा। अनुपूरक को मिलाकर इसका कुल आकार हुआ 54 हजार 710 करोड़ रुपया। यह 2013-14 की तुलना में 24% बड़ा था। 2018 में डॉ. रमन सिंह ने जब अंतिम बजट पेश किया तब तक इसका आकार 83 हजार 179 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2019 में अपना पहला बजट 90 हजार करोड़ रुपए से अधिक का पेश किया। 2022-23 में इसका आकार एक लाख 4 हजार करोड़ रुपए का हो चुका था।

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