दुनिया में शायद ही ज्यादातर लोग कभी अपनी जीभ पर ध्यान देते हों, लेकिन डॉक्टर जीभ को शरीर का आइना मानते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह बीमारियों की चेतावनी देने में सबसे आगे रहती है। जीभ की मदद से शरीर में विटामिन की कमी, एलर्जी और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली जैसी समस्याओं के बारे में सबसे पहले पता चलता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि जीभ का चिकना होना, लाल दिखना, संक्रमित होना या सफेद धब्बे का बनना बताता है कि आपका शरीर किसी वायरस से पीड़ित है। उनके मुताबिक, स्वास्थ्य के बारे में सारे लक्षण लोगों की जुबान पर दिख जाते हैं।
यह अध्ययन पेंसिल्वेनिया के दंत विशेषेज्ञों की टीम ने किया है, जिन्होंने इस अध्ययन के जरिए बताने की कोशिश की है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीभ पर ध्यान देने की जरूरत है। अध्ययन के दौरान यह भी पता चला कि अमेरिका में लगभग 10 मिलियन लोगों में आयरन की कमी है, जबकि छह प्रतिशत लोगों में विटामिन बी-12 की कमी है।
सफेद दाग फंगल संक्रमण के संकेत-
हर व्यक्ति को कभी न कभी जीभ पर सफेद धब्बे हुए होंगे, लेकिन यह फंगल इंफेक्शन हो सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह कवक कैंडिडा (खमीर का एक प्रकार) की छोटी मात्रा होती है, जो अमूमन त्वचा, मुंह, गले या आंत में रहती है। इस पर किसी का ध्यान नहीं जाता है, लेकिन इसका अचानक अनियंत्रित रूप से बढ़ना खतरनाक है। इससे जीभ पर सफेद परत दिखाई देने लगती है। यह तब होता है, जब एंटीबायोटिक्स या दवाएं फंगस को रोककर रखने वाली सहायक बैक्टीरिया को मार देती है। इससे यह जल्दी बढ़ते हैं। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करने वाले तनाव के कारण भी होता है।
चिकनी जीभ, मतलब विटामिन की कमी-
शोधकर्ताओं के मुताबिक, जीभ विटामिन की कमी के बारे में भी चेतावनी देते हैं। जैसे आयरन और विटामिन बी 12 की कमी। यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए महत्वपूर्ण है, जो ऑक्सीजन को विभिन्न अंगों तक ले जाती है। आम तौर पर, जीभ की सतह पर सैकड़ों छोटे-छोटे उभार होते हैं। इन्हें पपिल्ले के रूप में जाना जाता है, जिनमें से प्रत्येक में कई टेस्ट बड्स होती हैं। जब विटामिन की कमी होती है तो ऑक्सीजन की कमी से पपिल्ले बर्बाद होने लगते हैं और जीभ से गिर जाते हैं। इस बारे में पेंसिल्वेनिया के दंत चिकित्सक डॉ. मार्क वोल्फ ने बताया कि विटामिन की कमी से जीभ चमकदार हो जाती है। विटामिन की कमी से व्यक्ति को अत्यधिक थकान, सीने में दर्द और पीली त्वचा शामिल जैसे कारक शामिल हैं। इस बारे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने कहा कि वयस्क पुरुषों को एक दिन में लगभग 8 मिलीग्राम आयरन मिलना चाहिए, जबकि महिलाओं को 18 मिलीग्राम मिलना चाहिए।
बार-बार घाव बनना तनाव की वजह-
अगर किसी व्यक्ति के जीभ पर कभी-कभी घाव बन जाए तो मुंह में दांत से कटने या जोर से ब्रश करने से हो सकता है, लेकिन अगर यह घाव नियमित तौर पर हो रहा है तो इसे तनाव का संकेत माना जा सकता है। मानसिक तनाव की स्थिति में लोग अपने गाल या जीभ को काटने की कोशिश करती हैं। वहीं कॉफी, स्ट्रॉबेरी और पनीर जैसे खाद्य पदार्थों से होने वाली एलर्जी से भी यह घाव होते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, अगर यह घाव असामान्य रूप से बड़े होते हैं और खाने-पीने में कठिनाई होती हैं तो इसके तुरंत इलाज कराने की जरूरत है।
स्ट्रॉबेरी जीभ एलर्जी का संकेत-
यदि किसी व्यक्ति के भोजन के बाद जीभ स्ट्रॉबेरी जैसी लाल हो गई है तो यह एक छिपी हुई एलर्जी का संकेत हो सकता है। हल्के खाद्य एलर्जी वाले लोगों की जीभ चमकदार लाल हो जाती है। एलर्जी के कारण भी यह गले में खराश और सूजन हो सकता है। यह विशेष रूप से कुछ फलों और सब्जियों के खिलाफ खाद्य एलर्जी का संकेत दे सकता है। स्ट्रॉबेरी वाले जीभ में जीवाणु संक्रमण भी शामिल हैं जो तब विकसित होते हैं, जब गले में खराश होती है। बैक्टीरिया जीभ में एक विष छोड़ते हैं, जिससे लालिमा आ जाती है। इसे स्कारलेट फीवर के रूप में जाना जाता है। इसमें एक चमकदार लाल दाना होता है।
पीले धब्बे मतलब गैस्ट्राइटिस होना-
शोधकर्ताओं ने बताया कि मृत त्वचा कोशिकाओं के निर्माण के कारण जीभ की सतह पीली होती है। यह बाद में बैक्टीरिया द्वारा पीला रंग देने का कारण दिखती है। यह पेट की परत में सूजन का संकेत देती है। यानि व्यक्ति गैस्ट्राइटिस से पीड़ित है। इससे पीड़ित व्यक्ति अपनी जीभ पर कम लार का उत्पादन कर रहा है और जीभ की सतह से मृत त्वचा कोशिकाओं को अच्छे से साफ नहीं किया गया। पीली जीभ के अन्य लक्षणों में सांसों की बदबू, मुंह का स्वाद खराब, बुखार शामिल है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, गैस्ट्राइटिस से एक साल में लगभग 2 मिलियन लोग पीड़ित होते हैं। वहीं कुछ कारणों में व्यक्ति अपनी जीभ को सही ढंग से साफ नहीं करता है, इस वजह से भी मृत कोशिकाएं जमा हो जाती हैं।
ऐसे पहचाने स्वस्थ जीभ-
– स्वस्थ जीभ का रंग गुलाबी होना चाहिए।
-हल्के से गहरे रंग में हो।
– जीभ की सतह पर टेस्ट बड्स वाले छोटे उभार भी हो।
– छोटो पिंड (पपिल्ले) से ढकी होनी चाहिए।
जीभ को इस तरह से रखें साफ-
– दांतों को ब्रश करने के तुरंत बाद दिन में दो बार अपनी जीभ को साफ करें।
– धूम्रपान का सेवन न करें।
– तंबाकू या माउथवॉश का प्रयोग नहीं करें।
– दैनिक स्तर पर जांच कराएं।
– गांठ, घाव या दर्द में अच्छे डॉक्टर को दिखाएं।