कोरबा। जिले में दिनांक 11 जनवरी 2022 को 34 वाँ सड़क सुरक्षा सप्ताह प्रारंभ किया गया था, जिसका समापन 19 जनवरी 2022 को घंटाघर ओपन थिएटर में हुआ। कार्यक्रम के शुरुआत में विभिन्न स्कूल एवं महाविद्यालयों से आए विद्यार्थियों द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सुरक्षित तरीके से वाहन चलाने, सीटबेल्ट एवं हेलमेट धारण करने, ट्रैफिक सिग्नल, यातायात नियमों का पालन करने सहित विभिन्न प्रकार के यातायात संकेतकों का पालन करने के संबंध में जानकारी दिया गया। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी गई ।
कार्यक्रम में कलेक्टर कोरबा संजीव झा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे जिन्होंने कहा कि जीवन बहुमूल्य है, हमें जीवन का सदुपयोग करना चाहिए, सड़क पर चलते समय यातायात नियमों का पालन करना चाहिए, साथ ही नियम का पालन करने हेतु सभी को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने हाल ही में घटित सड़क दुर्घटनाओं के बारे में बताते हुए कहा की यदि नियमों का पालन किया जाता तो इन दुर्घटनाओं को रोका जा सकता था। उन्होंने कहा कि जिंदगी महत्वपूर्ण है, इसे मीनिंगफुल बनाना चाहिए। पिछले दिनों एक बड़े उद्योगपति के सड़क दुर्घटना में मृत्यु का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि वे 8 करोड़ रुपए से भी अधिक महंगी कार में चल रहे थे जिसमें सुरक्षा के सभी फीचर लगे हुए थे, उसके बावजूद भी उनकी मौत हो गई, क्योंकि उन्होंने सीटबेल्ट नहीं लगाया था। उन्होंने कहा कि सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करने की स्थिति में दुर्घटना होती है तो मौत निश्चित है। यमराज ये नहीं देखते कि मृतक 8 करोड़ की कार में सवार है या 800 रुपए की सेकंड हैंड साइकिल में।
पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने कहा कि बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाएं चिंता का विषय है,कानूनों का पालन एवं आम जनता के सहयोग से ही इसे कम किया जा सकता है। शासन के द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों में संशोधन करते हुए जुर्माना भी बढ़ा दिए गए ताकि जनता नियमों का पालन करने की ओर गंभीर हो , बावजूद भी दुर्घटनाओं में कमी नहीं आई। स्वयं के व्यवहार और जन जागरूकता से ही ऐसे मामलों में कमी आएगी। चाहे हम कितना भी झाड़ू लगा लें, किंतु जब तक सिविक सेंस नहीं होगा तब तक सड़क साफ नहीं हो सकता । सड़क दुर्घटनाओं को रोकने हेतु कार्यवाही एवं जागरूकता अभियान ” हिफाजत ” शुरू किया गया है, जिसमें सभी को बढ़-चढ़कर अपनी सहभागिता निभाना चाहिए। हमारा उद्देश्य है कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम से कम किया जा सके।