प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 27 जनवरी को तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के जरिए छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद किया। इस दौरान कला उत्सव प्रतियोगिता में लगभग 80 विनर्स और देश भर के 102 छात्र और शिक्षक शामिल हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा पे चर्चा मेरी भी परीक्षा है। बच्चे अपनी समस्या बताते हैं। अपनी व्यक्तिगत पीड़ा भी बताते हैं। मोदी ने कहा कि मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है। मुझे जानकारी होती है कि युवा पीड़ी क्या चाहती है। युवाओं को सरकार से क्या उम्मीदें हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मैंने अपने सिस्टम से कहा कि इन सभी सवालों को संभालकर रखें ताकि आने वाले 10-15 साल बाद इन पर एनालिसिस किया जा सके। क्योंकि पीढ़ी बदलती जाती है।
पीएम मोदी ने कहा कि पैरेंट्स अपने बच्चों के बारे में बाहर जाकर बड़ी बड़ी बातें कर देते हैं, और फिर बच्चों से वैसी ही उम्मीद करते हैं। ऐसे में क्या हमें इन दवाबों से दबना चाहिए क्या? दिनभर जो कहा जाता है, उसी को सुनते रहेंगे या अपने अंदर झांकेंगे? क्रिकेट में स्टेडियम में लोग चौका, छक्का चिल्लाते रहते है, तो क्या खिलाड़ी पब्लिक की डिमांड पर चौके छक्के लगाता है? खिलाड़ी केवल गेंद पर ध्यान देता है।
छात्र के सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बचपन में एक कथा सुनाते थे घड़े में पानी था। एक कौआ पानी पीना चाहता था। पानी पीने के लिए कौवे ने ककड़ उठाकर घड़े में डालें। इसे हम हार्डवर्क कहेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग होते हैं जो हार्डवर्क ही करते रहते हैं। कुछ लोग होते हैं जिनके जीवन में हार्डवर्क का नामो निशान नहीं होता है। कुछ लोग होते हैं जो मुश्किल से हार्डवर्क करते हैं और कुछ लोग मुश्किल से स्मार्ट वर्क करते हैं। कौवे ने सिखाया है कि कैसे हार्डवर्क को स्मार्टली करना है।
छात्रों के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि लोग पहले भी चोरी या नकल करते थे लेकिन छुप छुपकर करते थे। लेकिन अब गर्व से कहते हैं कि सुपरवाइजर को बेवकूफ बना दिया। यह जो बदलाव आया है वह खतरनाक है। दूसरा अनुभव यह है जो स्कूल या ट्यूशन चलाते हैं अभिभावक। वह टीचर भी सोचते हैं कि मेरा छात्र आगे निकल जाए इसलिए नकल को बढ़ावा देते हैं। वहीं कुछ छात्र नकल करने के तरीके खोजने में बहुत क्रिएटिव होते हैं।
पीएम मोदी ने आगे, “मुझे कभी कभी लगता है कि अगर चोरी करने वाले अपने टैलेंट को सीखने में लगाता तो अच्छा कर पाता। किसी को उसे गाइड करना चाहिए था। अब जिंदगी बहुत बदल चुकी है। आज आपको हर जगह परीक्षा देनी होती है। नकल से जिंदगी से नहीं बनती है हो सकता है कि नकल से परीक्षा में नंबर तो ले आए। एक-आधे एग्जाम में नकल से पास भी हो जाओ लेकिन आगे जाकर ऐसे छात्र जिंदगी में फंसे रहेंगे। जो छात्र कड़ी मेहनत करते हैं उनकी मेहनत उनकी जिंदगी में रंग लाएगी।”
पीएम मोदी से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में एक छात्रा ने पूछा कि परीक्षा के दौरान पढ़ाई कहां से शुरू करें? वहीं एक अन्य छात्रा ने पूछा कि वह अपने कार्यों को कहां से शुरू करें। वह अपने सभी कार्यों को समय पर कैसे पूरा करें? जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि काम का ढेर क्यों हो जाता है क्योंकि समय पर आपने काम किया नहीं। काम करना शुरू करें। कागज पर एक सप्ताह नोट करें कि आप अपना समय किस चीज को कितना देते हैं। इससे आपको ध्यान में आएगा कि जो आपको सबसे ज्यादा पसंद है उसी में आप सबसे ज्यादा ध्यान लगाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि जो विषय आपको कम पसंद हैं उन्हें भी समय देना शुरू करें। ऐसा करने से आपको आराम मिलेगा। आराम से अपने काम को बांटे। किस विषय को कितना टाइम देना है, उसको वर्गीकृत करें। इससे लाभ होगा।