नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की करंसी ने शुक्रवार को फिर बड़ा गोता लगाया और अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार और खुले बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले टूटकर 262.6 रुपये पर बंद हुई। कारोबार के दौरान एक समय मुद्रा खुले बाजार में 265 रुपये और अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में 266 रुपये तक गिर गई थी।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, शुक्रवार को जब बाजार खुला तो बृहस्पतिवार के बंद भाव से करेंसी में 7.17 रुपये यानी 2.73 प्रतिशत की गिरावट आई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार से पाकिस्तानी रुपये के मूल्य में 34 रुपये की गिरावट आ चुकी है। यह 1999 में नई विनिमय दर प्रणाली शुरू होने के बाद से सबसे बड़ा मूल्यह्रास है।
सरकार के अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ऋण कार्यक्रम को पटरी पर लाने के लिए डॉलर-पाकिस्तान मुद्रा की विनिमय दर पर अनौपचारिक तौर पर लगी सीमा हटाने के बाद पाकिस्तानी रुपये में तेजी से गिरावट आई है।
इस बीच, केंद्रीय बैंक के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी रही और 20 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान नौ साल के निचले स्तर 3.678 अरब डॉलर पर आ गया।
हालांकि वित्तीय विश्लेषकों को भरोसा है कि प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की सभी शर्तों को लागू करने की पुष्टि की है। इससे मुद्रा कोष से मिलने वाले पैकेज से आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने शुक्रवार को भरोसा जताया कि आईएमएफ अगले महीने तक कोष जारी कर देगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने के लिए आईएमएफ के साथ बातचीत कर रही है।