छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज ने वार्षिक गोपनीय चरित्रावली-ACR के लिए नए निर्देश जारी किये गये हैं। इसमें समय पर ACR जमा नहीं करने पर वेतन भुगतान रोकने और अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रावधान किया गया है। इससे अधिकारी-कर्मचारियों के CR समय पर लिखे जाएंगे और उन्हें समय पर पदोन्नति एवं उच्च वेतनमान का लाभ मिल सकेगा।
ट्रांसमिशन कंपनी के मुख्य अभियंता (मानव संसाधन) अशोक कुमार वर्मा ने बताया, कई बार CR प्रतिवेदन अत्यंत विलंब से जमा किये जाने पर कर्मचारी-अधिकारी की पदोन्नति, उच्च वेतनमान प्रकरणों के निराकरण में अनावश्यक विलंब होता है। अब प्रतिवेदन जमा करने की अंतिम समय सीमा 10 सितंबर तय की गई है। ऐसा इसलिए ताकि प्रति वर्ष के प्रारंभ में ही यानी जनवरी में पदोन्नति पैनल बनाया जा सके। यदि संबंधित कर्मचारी-अधिकारी निर्धारित तिथि तक सभी लंबित प्रतिवेदन जमा नहीं करते हैं। उसके बाद रिमाइंडर दिया जाएगा।
उसके बाद भी तय समय सीमा में नहीं जमा करते हैं तो भुगतान योग्य वेतन के 50% का भुगतान अस्थायी रूप से स्थगित रखा जाएगा। संबंधित कर्मचारी-अधिकारी की ओर से सभी लंबित प्रतिवेदन उच्च कार्यालय में जमा करने की सूचना उनकी ओर से प्राप्त होने के बाद संबंधित लेखाविभाग सभी स्थगित भुगतान एक साथ जारी करेगा। अगर निर्धारित तिथि के 30 दिन के बाद तक भी किसी संबंधित अधिकारी द्वारा अपना मूल्यांकन प्रतिवेदन नहीं जमा किया जाता है तो प्रतिवेदक अधिकारी इस आशय की टिप्पणी दर्ज करते हुए स्वयं मूल्यांकन कर समीक्षक अधिकारी को मूल्यांकन प्रतिवेदन प्रेषित कर सकेंगे।
अगर नहीं मिली CR तो पिछली रिपोर्ट के आधार पर पैनल
अधिकारियों ने बताया, अगर 31 दिसंबर तक कुछ कर्मचारी-अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली प्राप्त नहीं होती है तो ऐसे सभी संबंधित कर्मचारी-अधिकारियों के पिछले वर्षों के उपलब्ध वार्षिक गोपनीय चरित्रावली के आधार पर पदोन्नति का पेनल जनवरी महीने में बनाया जाएगा। परन्तु उस कर्मचारी-अधिकारी के पदोन्नति पर अंतिम निर्णय, सभी आवश्यक प्रतिवेदन प्राप्त होने पर ही लिया जाएगा।
कार्यवाही से पहले जारी होगा शो कॉज नोटिस
नये निर्देशों में कहा गया है, रिपोर्ट के निर्धारित समय सीमा के एक माह से अधिक विलंबित होने पर या निर्देशों का पालन नहीं होने पर, नियंत्रणकर्ता अधिकारी या संबंधित कंपनी के मानव संसाधन विभाग की ओर से सभी संबंधित कर्मचारी-अधिकारी से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। उसके बाद सक्षम अधिकारी के माध्यम से “कारण बताओ नोटिस’’ जारी होगा। उसके जवाब के आधार पर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकेगी।