नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 32 पर पहुंच गई है। सोमवार को ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने 5 नए जजों को शपथ दिलाई। इनमें जस्टिस संजय करोल का नाम भी शामिल है। जस्टिस करोल को आम लोगों का न्यायाधीश कहा जाता है। हालांकि, इसके भी कई कारण हैं। वह कई बार सामाजिक मुद्दों के लिए दफ्तर से बाहर भी आए। ऐसा ही एक किस्सा मशहूर है, जब उन्होंने कार छोड़कर सफर ट्रेन से पूरा करने का फैसला किया।
बात उस समय की है, जब जस्टिस करोल मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पटना हाईकोर्ट में थे। उस दौरान वह सड़कों के हालात का पता लगाने और स्थिति समझने के लिए कार से निकल पड़े। अब उन्होंने कार में बैठने से पहले गया तक जाना तय किया था, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार में सड़कों की हालत ने ऐसा होने नहीं दिया।
क्यों खुद ही निकल पड़े जस्टिस करोल?
खबर है कि गया की खराब सड़कों को लेकर एक जनहित याचिका दायर हुई थी। अब उस याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्होंने खुद ही जानकारी हासिल करने का जिम्मा उठाया। वह पटना से निकले, लेकिन सड़क की हालत इस कदर खराब थी कि उन्हें ट्रेन से वापस राजधानी पटना आना पड़ा। उन्होंने सड़क के हालात पर दुख भी जाहिर किया था।
जस्टिस करोल यहीं नहीं रुके। उन्होंने एक मौखिक आदेश में तत्कालीन सॉलिसिटर जनरल और नगर विकास अधिकारी समेत कई संबंधित लोगों को कोर्ट में आने के लिए कहा। साथ ही हालात पर जानकारी देने के आदेश दिए गए थे।
ये भी हुए सुप्रीम कोर्ट में शामिल
भाषा के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह में पांच न्यायाधीशों को शपथ दिलाई गई। इनमें न्यायमूर्ति पंकज मिथल, न्यायमूर्ति करोल, न्यायमूर्ति पी वी संजय कुमार, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा का नाम शामिल है। कॉलेजियम ने पिछले साल 13 दिसंबर को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में प्रमोट करने के लिए इन पांचों न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की थी।