जनता सेवा का संकल्प लेने वाले का भ्र्ष्ट पूंजीपति से सांठगांठ निंदनीय है
तुमगांव । विश्व धरोहर सिरपुर बचाने,हाईवे स्थित खैरझिटी,कौंवाझर,मालिडीह के कृषि भूमि,गरीबों का काबिल कास्त भूमि, आदिवासी भूमि,शासकीय भूमि में गैर कानूनी ढंग से करणी कृपा स्टील एवं पावर प्लांट लगने के विरोध में विगत 25 फरवरी 2022 से अंचल के किसानों द्वारा छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले अखन्ड सत्याग्रह चल रहा है।आज अखन्ड धरना सत्याग्रह के 346 वे दिन 35 किसान,जवान एवं महिला किसानों ने भाग लिया।आज अखन्ड धरना सत्याग्रह का नेतृत्व किसान आदिवासी नेता परसराम ध्रुव,अलख राम साहू,नाथूराम सिन्हा,डोमार सिंह ध्रुव,अशोक कश्यप,दशरथ लाल सिन्हा,हेमसागर पटेल,डेविड चंद्राकर एवं तोषण सिन्हा ने किया।आज अखन्ड धरना सत्याग्रह को किसान नेता अलखराम साहू,डोमार सिंह ध्रुव सरपंच पति,परसराम ध्रुव,नाथूराम सिन्हा,अशोक कश्यप,भुनेश्वर साहू, दशरथ लाल सिन्हा,श्रीमती राधाबाई सिन्हा, डिगेश्वरीचंद्राकर पूर्व सरपंच, पंचवती यादव,श्यामबाई ध्रुव,जया ढिढि आदि ने संबोधित किया।आज अखन्ड धरना सत्याग्रह में शामिल किसान जवान एवं महिला किसानों को संबोधित करते हुए राज्य आंदोलनकारी आदिवासी किसान नेता अशोक कश्यप ने कहा कि राज्य आंदोलन कारी,पं.र.वि.वि.के भू.पू.अध्यक्ष,किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री अनिल दुबे को फर्जी तरीके से अशांति फैलाने के आरोप में धारा 151 में बंद करने से अंचल के सभी सत्याग्रहीओं एवं किसानों में असंतोष और आक्रोश व्याप्त है।शासन- प्रशासन भय और आतंक फैलाकर शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे सत्याग्रह को नहीं दबा सकती।अलखराम साहू ने कहा कि संविधान एवं प्रजातांत्रिक व्यवस्था में किए गए अधिकार से अखन्ड धरना सत्याग्रह करने से कोई भी सरकार जनता को वंचित नहीं कर सकती।डोमार सिंह ध्रुव सरपंच पति ने कहा कि आदिवासी समाज को संविधान में जीने का अधिकार दिया गया है। उसे शासन बाधा पहुंचाती है तो समझा जाएगा कि शासन किसान एवं आदिवासी विरोधी है।परसराम ध्रुव ने कहा कि हमारे आराध्य देव बुढ़ादेव शिवलिंग जो अखंड सत्याग्रह के पास स्थापित था उसे रात के अंधेरे में तोड़फोड़ कर उखाड़कर जमीदोज कर दिया गया है या कहीं फेंक दिया इसका पता नहीं हम इसे बर्दास्त नहीं करेंगे,दोषियों पर कार्यवाही किया जावे।श्रीमती डिगेश्वरी चंद्राकर चंद्राकर ने कहा कि भ्रष्ट शोषक करणी कृपा प्राइवेट लिमिटेड के मालिक समस्त असंवैधानिक निर्माण कार्य को लीपापोती कर संवैधानिक और शांतिपूर्ण चल रहे अखन्ड धरना सत्याग्रह को तोड़ने का षड्यंत्र भी कर रहा है जो सफल नहीं होगा। करणी कृपा स्टील एवं प्लांट के समस्त गैरकानूनी कार्य को सही ठहराने के लिए सत्याग्रहीओं के शांतिपूर्ण अखन्ड धरना सत्याग्रह को ही गलत ठहराना शासन-प्रशासन की बड़ी भूल है और संवैधानिक अधिकार का हनन करना है। राधाबाई सिन्हा ने कहा कि नारी शक्ति स्वभावगत शांति स्वरूप है और यदि शासन उसे जबरदस्ती छेड़ने की कोशिश करती है तो वह दुर्गा का रूप भी धारण कर सकती है। इसलिए शासन सत्याग्रहीओं के सहन शक्ति को अन्यथा ना समझे।