खेती के उपयोग में लिए जाने वाले यूरिया के खतरनाक परिणामों को देखते हुए अब सरकार यूरिया खाद के उपयोग को कम करने की तैयारी की है. यूरिया खाद की खेती में उपयोग को कम करने को लेकर कई सालों से विचार चल रहा था. अब सरकार ने यूरिया खाद को धीरे-धीरे कम करने का मन बना लिया है. इसके लिए मृदा वैज्ञानिकों (soil scientists) द्वारा लगातार तीन वर्षों तक के शोध में नैनो यूरिया का फसल पर प्रभाव बेहतर और उत्साहजनक पाया गया है.
राज्य के किसान काफी जागरुक हैं. लाभ दिखने पर किसी तकनीक को अपनाने में हिचकिचाते नहीं हैं. नैनो यूरिया एक तरल उर्वरक है इसके उपयोग से उर्वरक लागत में कमी और ज्यादा उपज मिलने के साथ-साथ प्रदूषण का प्रभाव भी कम पाया गया है. इसके प्रयोग से अन्य उर्वरकों की उपयोगिता क्षमता और उपज क्षमता में बढ़ोतरी के साथ फसल गुणवत्ता में सुधार भी देखा जा रहा है.
फसलों के लिए बेहद जरुरी है यूरिया
यूरिया नाइट्रोजन युक्त खाद रहता है जो फसलों के विकास के लिए उपयोगी होता है. आज के समय में यूरिया के बिना खेती करना संभव नहीं है. इन फसलों यूरिया की पूर्ति नहीं की गई तो फसल पीली पड़ने लगती है और फलस्वरूप उत्पादन कम निकलता है, जिससे किसान को काफी नुकसान होता है.