अगरतला: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता माणिक सरकार ने दावा किया कि त्रिपुरा में ‘‘फासीवादी शासक’’ को बाहर करने के लिए राज्य में वामपंथी दल और कांग्रेस के बीच गठबंधन के लिए ‘‘नैतिक आधार’’ है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पिछले पांच वर्षों में उसके शासन के दौरान इस पूर्वोत्तर राज्य में ‘‘लोकतंत्र का गला घोंटने’’ का आरोप भी लगाया।
धलाई जिले के सूरमा निर्वाचन क्षेत्र में सोमवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सोच रही होगी कि उसके दोनों प्रतिद्वंद्वियों ने कैसे हाथ मिला लिया। वे चुनावी तालमेल की नैतिकता पर भी सवाल उठा रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि जनता फासीवादी शासक को सत्ता से बेदखल करना चाहती है।’’ सरकार ने दावा किया कि पूर्वोत्तर राज्य में वाम-कांग्रेस का गठबंधन ‘‘लोकतंत्र को बहाल करने की लोगों की आकांक्षा पर आधारित’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘ माकपा और कांग्रेस दोनों लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता को बहाल करने और लोगों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। दोनों दलों के बीच नैतिक आधार पर चुनावी समझौता हुआ है। ‘देश बचाने के लिए भाजपा को हटाओ’ के राष्ट्रव्यापी नारे को त्रिपुरा से गति मिलेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार अपरिहार्य है।’’ त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 16 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना दो मार्च को होगी। त्रिपुरा में कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।