गंजियातेप/इस्तांबुल. तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद राहत व बचाव दल दिन रात हजारों इमारतों के मलबे के नीचे दबे लोगों की तलाश में दिन रात जुटे हैं. मलबे के नीचे से और शवों को निकाले जाने के बाद भूकंप से मरने वालों की संख्या 11 हजार से अधिक हो गई है.
जापान में 2011 में आए भूकंप के बाद से यह सबसे घातक भूकंपीय घटना है. तब भूकंप के बाद सुनामी आई थी जिसमें लगभग 20,000 लोग मारे गए थे. सरकार से आपदा क्षेत्र में और मदद भेजने की मांग के बीच राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन को बुधवार को भूकंप के केंद्र पजारसिक शहर और सबसे बुरी तरह प्रभावित हाते प्रांत की यात्रा करनी थी.
तुर्की के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में अब लगभग 60,000 सहायता कर्मी हैं, लेकिन तबाही इतनी व्यापक है कि बहुत से लोगों को अब भी मदद पहुंचने का इंतजार है. दक्षिण-पूर्वी तुर्की और उत्तरी सीरिया में 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप के लगभग दो दिन बाद, बचाव दल ने तीन वर्षीय एक बच्चे आरिफ कान को कहरामनमारस में एक ढह चुकी एक इमारत के मलबे के नीचे से निकाला.
लड़के के पिता, एर्टुगरुल कीसी को राहतकर्मी पहले ही मलबे से सुरक्षित निकाल चुके थे. केसी मलबे से अपने बच्चे को सुरक्षित निकाल एंबुलेंस में ले जाते देख अपने आंसू रोक नहीं पाया. तुर्की के एक टीवी रिपोर्टर ने देश में इस राहत अभियान के प्रसारण के दौरान कहा, ‘‘अब से, कहरामनमारस में उम्मीद का नाम आरिफ कान है. ’’
कुछ घंटों पहले, बचावकर्ताओं ने 10 वर्षीय बैतूल एडिस को अदियामन शहर में उसके घर के मलबे से निकाला. दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उसके दादा ने उसे चूमा और धीरे से उससे बात की. इसके बाद उसे एंबुलेंस से ले जाया गया. दो दर्जन से ज्यादा देशों के राहत दल तुर्की के आपातकालीन र्किमयों के साथ काम कर रहे हैं तथा राहतसामग्रियों का आना भी जारी है.
भूकंप प्रभावित तुर्किये, सीरिया में मदद के वास्ते दुनिया के कई देश आगे आये
दुनियाभर से भेजे गये चिकित्सा कर्मी, सैनिक और श्वान दस्तों के साथ राहतकर्मी लोगों की मदद के लिए भूकंप प्रभावित तुर्की और सीरिया पहुंच रहे हैं. दक्षिणी तुर्किये और उत्तरी सीरिया में सोमवार को आये भूकंप से मरने वालों की संख्या 9,400 से अधिक हो गई है. मृतकों की संख्या बढ़ने के साथ ही यह एक दशक से अधिक समय में सबसे घातक भूकंपीय घटना बन गई है. तुर्की और सीरिया की मदद के लिए विभिन्न देशों द्वारा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.
यूरोपीय संघ ने तुर्किये की मदद के लिए बचाव दलों को भेजा है, जबकि यूरोपीय संघ की कोपरनिकस उपग्रह प्रणाली को आपातकालीन मानचित्रण सेवाएं प्रदान करने के लिए सक्रिय किया गया है. कम से कम 19 सदस्य देशों ने सहायता की पेशकश की है. यूरोपीय आयोग राहत एवं बचाव कार्यों से जुड़े मानवीय संगठनों को धनराशि उपलब्ध कराकर पड़ोसी सीरिया की भी मदद कर रहा है. भारत अपने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल से 100 बचाव र्किमयों को तुर्की भेज रहा है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसके साथ ही राहत प्रयासों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ते और उपकरण भी भूकंप प्रभावित देश में भेजे जा रहे हैं. बयान में कहा गया है कि प्रशिक्षित चिकित्सकों, पैरामेडिक्स और जरूरी दवाओं को भी भेजा जा रहा है. अमेरिका भी भूकंप प्रभावित देश की मदद कर रहा है. कैलिफोर्निया में लॉस एंजिल्स काउंटी के लगभग 100 अग्निशमन और संरचनात्मक इंजीनियर और छह श्वान दस्ते तुर्किये भेजे हैं.
अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति ने सीरिया के अलेप्पो शहर के एक अस्पताल में 100 लोगों के इलाज के लिए पर्याप्त र्सिजकल सामग्री भेजी है. रेड क्रॉस भी प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित किए जा रहे कई शिविरों में वितरण के लिए डिब्बाबंद भोजन, कंबल, गद्दे और अन्य आवश्यक सामान भेज रहा है.
रूस ने बचाव दलों को सीरिया भेजा है जो भूकंप प्रभावित देश में स्थानीय अधिकारियों की मदद कर रहे हैं. रूस ने तुर्किये को भी मदद की पेशकश की है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. इजराइली सेना तुर्किये में सहायता प्रदान करने के लिए 150 इंजीनियरों, चिकित्सा र्किमयों और अन्य सहायता र्किमयों को भेज रही है.
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने सीरिया के लिए मानवीय सहायता के अनुरोध को भी मंजूरी दे दी है. चीनी सरकार द्वारा भेजे गये 82 बचावर्किमयों का एक दल तुर्की के अदाना पहुंच गया है. फलस्तीन के विदेश मंत्री रियाद मल्की ने कहा कि फलस्तीनी प्राधिकरण सीरिया और तुर्की में सहायता के लिए दो दलों को भेजेगा.
जर्मनी की टीएचडब्ल्यू नागरिक सुरक्षा एजेंसी मंगलवार को तुर्किये में 50 सदस्यीय बचाव दल भेज रही है. आॅस्ट्रेलिया की सरकार फंसे हुए लोगों का पता लगाने और चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए 72 र्किमयों को भेजेगी. पाकिस्तान ने एक विमान के जरिये राहत सामग्री भेजी है और 50 सदस्यीय बचाव टीम को भी भेजा है. सरकार का कहना है कि सीरिया और तुर्की के लिए दैनिक हवाई उड़ानें बुधवार से शुरू होंगी.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने लोगों से उदारता से दान करने का आग्रह करते हुए एक राहत कोष बनाया है. ब्रिटेन 76 बचाव विशेषज्ञों और एक आपातकालीन चिकित्सा दल तुर्किये भेज रहा है. आॅस्ट्रिया ने तुर्की में एक सैन्य आपदा राहत इकाई से 84 सैनिकों को भेजने की पेशकश की है. फ्रांस भी तुर्किए में बचाव दल भेज रहा है.