तुमगांव. विश्व धरोहर सिरपुर बचाने,हाईवे स्थित खैरझिटी,कौंवाझर,मालिडीह के कृषि भूमि, आदिवासी भूमि,गरीबों का काबिल कास्त भूमि,वन भूमि, शासकीय भूमि में गैर कानूनी ढंग से निर्माणाधीन करणी कृपा स्टील एवं पावर प्लांट के विरोध में विगत 25 फरवरी 2022 से अंचल के किसानों द्वारा छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले अखन्ड सत्याग्रह चल रहा है।आजअखंड धरना सत्याग्रह के 12 वें माह में 35 वें दिन 35 किसान,जवान एवं महिला किसानों ने भाग लिया।आज अखन्ड धरना सत्याग्रह का नेतृत्व राज्य आंदोलन कारी आदिवासी किसान नेता अशोक कश्यप,डेविड चंद्राकर,दशरथ लाल सिन्हा,लूकेश्वर सेन,नाथूराम सिन्हा हेमसागर पटेल एवं धर्मेंद्र यादव ने किया।आज अखन्ड धरना सत्याग्रह में शामिल कार्यकर्ताओं को प्रदेश किसान नेता छन्नूलाल साहू,अशोक कश्यप,दशरथलाल सिन्हा,डेविड चंद्राकर,नाथूराम सिन्हा,श्रीमती डिगेश्वरी चंद्राकर,राधाबाई सिन्हा,नन कुनिया पारधी,सरस्वती वैष्णव,शांति बाई सिन्हा आदि ने संबोधित किया। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश किसान नेता छन्नूलाल साहू ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं का विशेषकर महिला किसानों को धन्यवाद क्योंकि विगत 11 माह की इस लंबी लड़ाई में अपने समर्पण एवं धौर्य से काम करने की उम्र ने परिचय दिया है।इस ऐतिहासिक लड़ाई में फरवरी और मार्च में निर्णायक सिद्ध होगा क्योंकि 24 से 26 फरवरी को कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन होने जा रहा है और दूसरा प्रदेश का 1 मार्च से 24 मार्च तक बजट सत्र चलने वाला है,इसी के दौरान शासन प्रशासन पर विशेष दबाव डाला जाएगा।दशरथ लाल सिन्हा ने कहा कि किसान मोर्चा द्वारा आयोजित किसान मजदूर किसान जोड़ो रथयात्रा को रोकने के लिए शासन प्रशासन ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया लेकिन रोक नहीं पाए यह हमारी जीत है। श्रीमती डिगेश्वरी चंद्राकर पूर्व सरपंच ने कहा कि यहां की शासन-प्रशासन भ्रष्ट उद्योगपति के गैरकानूनी कार्यो में संरक्षण देने के लिए गले तक खाए पिए हैं इसीलिए करणी कृपा प्राइवेट लिमिटेड के मालिक की हौसला बढ़ी हुई है और यह नौकर की तरह काम कर रहे हैं वहीं किसानों द्वारा कानून सम्मत मांगों के लिए आंदोलनरत किसानों के लिए कोई बात सुन नहीं रहे। ननकुनिया पारधी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी दामाखेड़ा कबीर नगर जब गए थे वहाँ प्रदूषण से बचाने के समस्या पर एक 2 मिनट में घोषणा कर समाधान कर दिए और विश्व धरोहर को औद्योगिक प्रदूषण से बचाने के लिए मांग करने पर कोई भी कार्यवाही नहीं कर रहे हैं विगत 12 महीने से भी ऊपर समय से सुलझाया नहीं जा सका सरकार की एक दोगली नीति स्पष्ट होती है।
You May Also Like
More From Author
Posted in
राष्ट्रीय
नया शोध भारत की नदी जोड़ो परियोजना पर नए संदेह पैदा करता है
Posted by
city24x7.news