रायपुर. स्वास्थ्य विभाग द्वारा यूएस-एड (USAID), इनजेंडर हेल्थ (Engender Health) और ममता संस्था के सहयोग से लिंग आधारित हिंसा (Gender Based Violence) तथा यौन हिंसा के पीड़ितों के लिए चिकित्सा-कानूनी सहायता (Medico-legal Care) और उनके स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। राजधानी रायपुर में आयोजित इस एक दिवसीय कार्यशाला में एम्स (AIIMS) रायपुर और बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक विशेषज्ञों ने रायपुर संभाग के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ स्त्री रोग विशेषज्ञों, चिकित्सा अधिकारियों एवं स्टॉफ नर्सेज को प्रशिक्षण दिया।
कार्यशाला का आयोजन
कार्यशाला में बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज के डीन एवं फोरेंसिक मेडिसीन विभागाध्यक्ष डॉ. देवीदास और रायपुर एम्स में फोरेंसिक मेडिसीन विभाग की सह-प्राध्यापक डॉ. शगुन ठाकुर ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. एस.के. पामभोई, उप संचालक डॉ. टी.के. टोंडर और डॉ. वी.आर. भगत, राज्य नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र अग्रवाल, डॉ. अमर सिंह ठाकुर तथा यूएस-एड की सुश्री अनिता शर्मा भी शामिल हुईं। कार्यशाला में कुल 95 डॉक्टरों और स्टॉफ नर्सेज ने भाग लिया।