नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट को आय बढ़ाने वाला और रोजगार सृजन करने वाला बताते हुये आज राज्यसभा में कहा कि यह विकसित भारत बनाने की संकल्पना है।
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सदन में बजट पर हुयी चर्चा का जबाव देते हुये कहा कि सबका साथ , सबका विश्वास और सबका प्रयास के तहत केन्द्र और राज्य दोनों मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बना सकते हैं। इसी अवधारणा के तहत चालू वित्त वर्ष में केन्द्र की ओर से राज्यों को अगले वित्त वर्ष में 17.93 लाख करोड़ रुपये दिये जाने का प्रावधान किया गया है जो चालू वित्त वर्ष में आंवटित राशि से 2.94 लाख करोड़ रुपये अधिक है। इसके साथ ही राज्यों को 50 वर्षाें के लिए ब्याज मुक्त एक लाख करोड़ रुपये दिये जाने का भी प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में 10 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत निवेश का प्रावधान किया गया है जबकि कोरोना महामारी से यह पहले वित्त वर्ष 2019-20 में यह 3.39 लाख करोड़ रुपये था और वित्त वर्ष 2013-14 में यह 2.91 लाख करोड़ रुपये रहा था।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि कुछ राज्य केन्द्र प्रायोजित और संसद द्वारा अनुमोदित योजनाओं का नाम बदल देते हैं जिसके कारण उनको उस मद में राशि नहीं मिल पा रही है।
वित्त मंत्री ने पश्चिम बंगाल को जीएसटी क्षतिपूर्ति राजस्व नहीं दिये जाने के आरोप पर कड़ी आपत्ति जताते हुये कहा कि यह राज्य जीएसटी की शुरूआत से ही एजी प्रमाणित रिपोर्ट नहीं भेज रहा है। जब तक यह रिपोर्ट नहीं मिलेगी तब तक जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि जारी नहीं की जा सकती है। यह रिपोर्ट हर वर्ष भेजनी होती है।
बैंकों द्वारा कर्ज माफ किये जाने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में रिजर्व बैंक रिपोर्ट देता है और एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत इसकी वसूली जाती है।