नई दिल्ली: एक ओर बीबीसी के कार्यालयों पर आयकर विभाग के सर्वे का जहां विपक्ष ने विरोध किया है और इसे केंद्र सरकारी की डराने व धमकाने की रणनीति करार देते हुए अलोकतांत्रिक और तानाशाह रवैया बताया है, तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसका बचाव किया है और ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर पर भारत के खिलाफ द्वेष की भावना से रिपोर्टिंग करने का आरोप लगाया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भाजपा ने बीबीसी को ‘भ्रष्ट बकवास कॉरपोरेशन’ नाम दिया है और आरोप लगाया है कि उसका भारत के खिलाफ द्वेष के साथ काम करने का दागदार और काला इतिहास रहा है.
इस बीच, विपक्ष ने आयकर कार्रवाई को मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से जोड़ा है. बता दें कि बीते माह बीबीसी ने ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन‘ नामक दो भागों की एक डॉक्यूमेंट्री प्रसारित की थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विभाजनकारी बताया था. साथ ही, 2002 के गुजरात दंगों में उनकी सीधी संलिप्तता की बात कही थी.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, ‘मोदी सरकार में बार-बार प्रेस की आजादी पर हमला हो रहा है. यह आलोचनात्मक आवाजों को दबाने के लिए बेशर्मी और बना किसी पश्चाताप के साथ किया जाता है. अगर संस्थानों का इस्तेमाल विपक्ष और मीडिया पर हमला करने के लिए किया जाता है तो कोई भी लोकतंत्र जीवित नहीं रह सकता है. लोग इसका विरोध करेंगे.’
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘(आईटी कार्रवाई) से हताशा की बू आती है और यह दिखाती है कि मोदी सरकार आलोचना से डरती है. हम डराने-धमकाने के इन हथकंडों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. यह अलोकतांत्रिक और तानाशाही रवैया अब और नहीं चल सकता है.’
कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने कहा, ‘हम अडानी मामले में एक संयुक्त संसदीय समिति की स्थापना की मांग कर रहे हैं और सरकार बीबीसी के पीछे पड़ी है.’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा, ‘सभी नागरिकों और संगठनों के लिए सरकार का संदेश है ‘हद में रहो, वरना.’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘प्रेस की स्वतंत्रता की सरकार की परिभाषा है- हम एक स्वतंत्र देश हैं, आप तब तक अपनी राय व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं, जब तक वो मेरे विचारों से मेल खाता हो.’