तुमगांव । विश्व धरोहर सिरपुर,कोडार बांध बचाने, हाईवे स्थित खैरझिटी,कौंवाझर, मालिडीह के कृषि भूमि,गरीबों का काबिल कास्त भूमि,वन भूमि, आदिवासी भूमि,शासकीय भूमि में गैर कानूनी ढंग से निर्माणाधीन करणी कृपा स्टील एवं पवार प्लांट लगने के विरोध में विगत 25 फरवरी 2022 से अंचल के किसानों द्वारा छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले अखंड धरना सत्याग्रह चल रहा है।आज अखंड धरना सत्याग्रह के 12 वें माह के 356 वें दिन लगभग 35 किसान,जवान एवं महिला किसानों ने भाग लिया।आज अखन्ड धरना सत्याग्रह का नेतृत्व राज्य आंदोलनकारी आदिवासी किसान नेता अशोक कश्यप,अलखराम साहू, दशरथ लाल सिन्हा,डेविड चंद्राकर, बोधनलाल यादव,भुनेश्वर साहू,धर्मेंद्र यादव ने किया।आज अखन्ड धरना सत्याग्रह को राज्य आंदोलनकारी किसान मोर्चा के कार्यालय सचिव अशोक कश्यप,उदयराम चंद्राकर, नाथूराम सिन्हा,साधुराम पटेल, श्रीमती राधाबाई सिन्हा,ननकुनिया पारधी,श्यामबाई ध्रुव,मोहनबाई धीवर ,शर्मिला टंडन आदि ने संबोधित किया।आज अखन्ड धरना सत्याग्रह में शामिल कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राज्य आंदोलन कारी किसान मोर्चा के कार्यालय सचिव अशोक कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा संचालित हो रहे किसान मजदूर किसान जोड़ों रथयात्रा के घबराकर भूपेश सरकार सत्याग्रही किसानों को जितना भी बरगलाने और फोड़ने का प्रयास कर ले उसका षड्यंत्र सफल नहीं होगा।किसान सत्याग्रह कभी रुकेगा ना कभी झुकेगा।हम मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहते हैं कि कब जिलाधीश महासमुन्द करेंगे किसानों से वार्ता,मुख्यमंत्री स्वयं पुनः करें वार्ता।नया रायपुर के किसान आंदोलन को सत्याग्रही किसानों का समर्थन।टैक्टर रैली में सैकड़ों टैक्टर हजारों किसान महासमुन्द जिले से भाग लेंगे।उदयराम चंद्राकर ने कहा कि महासमुंद जिला को क्रांतिकारी माना जाता है। किसान आंदोलन का गढ़ रहा है । लेकिन किसान मोर्चा के अध्यक्ष राज्य आंदोलनकारी श्री अनिल दुबे जी जैसे अनुभवी कुशल नेतृत्व से लड़ी गई लंबी लड़ाई कभी भूली नहीं जा सकती।यह राज्य में प्रथम एवं देश में अग्रणी इतिहास रचने का काम किया है।इसके साथ ही साथ इस किसान आंदोलन में महिला किसानों का उल्लेखनीय एवं विशेष योगदान रहा है।श्रीमती राधाबाई सिन्हा ने कहा कि किसान मोर्चा ने हमारे प्रदेश नेता के कुशल नेतृत्व एवं अनुभवी आंदोलनकारी होने का लाभ मिल रहा है।कम साधन में भी अखन्ड धरना सत्याग्रह से शासन-प्रशासन को सबक सिखा दिया है। साथ ही किसान मजदूर किसान जोड़ों रथ यात्रा भी रंग ला रहा है।ननकुनिया पारधी ने कहा कि महासमुंद जिला के इस ऐतिहासिक अखन्ड धरना सत्याग्रह का पूरा नेतृत्व महिला किसानों पर केंद्रित है जो सराहनीय है और छत्तीसगढ़ में नया इतिहास रचने जा रहा है।
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