महाराजा लाखन पासी ने बसाया था लखनऊ, सपा विधायक ने राज्यपाल को लिखा पत्र

प्रतापगढ़. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम लखनपूरी या लक्ष्मणपुरी किए जाने को लेकर प्रतापगढ़ से बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने पीएम मोदी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा था. जिसके विरोध में अब जनपद के रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक आरके वर्मा ने राज्यपाल को लखनऊ का नाम ना बदले जाने को लेकर एक पत्र लिखा है.

सपा विधायक आरके वर्मा ने राज्यपाल को पत्र लिखते हुए कहा कि समाचार पत्रों और भाजपा के नेताओं के द्वारा दिए जा रहे बयान से जनपद लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मणपुर या अन्य किए जाने की बात हो रही है. इस संबंध में मैं अनुरोध के साथ कहना चाहता हूं कि लखनऊ स्थित घड़ी किलो के भग्नावशेष, उत्खनन से प्राप्त सामग्री इतिहासकारों के मत लेख युवराज गजट ईयर आज में वर्णित तथ्यों से ज्ञात होता है कि लखनऊ को महाराजा लखन पासी ने बसाया था.

आर के वर्मा आगे लिखते हैं कि ऐतिहासिक तथ्यों से ज्ञात होता है कि 10वीं-11वीं शताब्दी में महाराजा लखन पसी लखनऊ के राजा थे. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के टीले की जगह उनका किला था उनकी पत्नी का नाम रखना वती था. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत के समय 1940 के दशक में प्राथमिक विद्यालयों के पाठ्यक्रम में लखनऊ को महाराजा लखन पासी ने बसाया था, यह तथ्य पाठ्यक्रम का हिस्सा था.

सपा विधायक ने आगे कहा कि इतिहास के पन्नों में अंकित है कि जब सैयद सलार मसूद गाजी लखनऊ पर हमला किया था तो उस समय लखनऊ के राजा लखन पासी और कसमंडी के राजा कंस थे दोनों पर एक साथ हमला किया था क्योंकि वह दोनों अच्छे मित्र थे महाराजा लखन पासी का उस भीषण युद्ध में धोखे से सिर काट दिया गया था और वह शहीद हो गए.

आरके वर्मा ने अपने पत्र में लेखक अरबी रसल की पुस्तक दी ट्राइब्स एंड कॉस्टस ऑफ दी सेंट्रल प्रोविजेंस ऑफ इंडिया के हवाले से कहा कि पासी समाज के महाराजाओं का अवध के बहुत बड़े भूभाग पर आधिपत्य था. कालांतर में राजपूत राजाओं ने उस पर अपना अधिकार कर लिया. उन्होंने लिखा कि भारतवर्ष की दुरूह सामाजिक व्यवस्थाओं में वर्तमान में अनुसूचित समाज को अपना इतिहास बचाए रखना कठिन चुनौती है. महाराजा लाखन पासी के इतिहास के साथ विवाद पैदा करके उनकी गरिमा मिटाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है. साथ ही संविधान के अनुच्छेद 49 के तहत ऐसे राष्ट्रीय महत्व की ऐतिहासिक अद्भुत वाले स्मारक स्थान वस्तुओं आदि का संरक्षण राज्य का दायित्व है. ऐसे में लखनऊ जनपद का नाम लखनऊ यथावत रखने व महाराजा लाखन पासी के स्मृतियों के रूप में स्थापित विभिन्न संस्थानों के सौंदर्यीकरण हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करने का कष्ट करें.

गौरतलब है कि बीजेपी के सांसद संगम लाल गुप्ता ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम बदलने की मांग की है. उन्होंने लखनऊ को अब लक्ष्मणपुरी करने की मांग की है. उनका कहना है कि पहले लखनऊ का नाम लखनपुरी था. मुगलों ने बदला था नाम तो पूरा असली नाम दिया जाए, देश की पहचान अताताई मुगल नहीं बल्कि रामायण है.

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